शहडोल। जिले का विचारपुर गांव एक ऐसा गांव है, जहां हर दूसरे घर में आपको फुटबॉल के नेशनल खिलाड़ी मिल जाएंगे. यहां के छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक फुटबॉल का अलग ही क्रेज देखने को मिलता है. जिसे देखते हुए अब इस गांव में फुटबॉल की एक एकेडमी खुलने जा रही है. जिसके बाद से फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए यह एक बहुत अच्छा मंच साबित हो सकता है. यह हो सका है शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा के फुटबॉल क्रांति की पहल की वजह से.
रंग लाई फुटबॉल क्रांति की पहल: शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने फुटबॉल क्रांति की शुरुआत शहडोल संभाग में की थी. गांव-गांव में फुटबॉल अकेडमी का गठन किया गया है. जगह-जगह टूर्नामेंट भी कराये जा रहे हैं. अब उसका असर भी दिखने लग गया है. शहडोल जिला मुख्यालय से लगे हुए विचारपुर गांव में अब फुटबॉल की एक एकेडमी खुलने जा रही है. जिससे संभाग के फुटबॉल खिलाड़ियों को अच्छा मंच मिल सकता है. बता दें कि विचारपुर आदिवासी बाहुल्य गांव है. ये गांव फुटबॉल के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि इस गांव में आपको हर दूसरे घर में फुटबॉल के नेशनल खिलाड़ी मिल जाएंगे. इस गांव में फुटबॉल का अलग ही क्रेज है. अब इसी गांव में फुटबॉल को लेकर एक अच्छी सौगात मिलने जा रही है.