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Nag Panchami 2022: नागपंचमी के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, कालसर्प दोष से हैं परेशान तो ये उपाय करेगा आपका समाधान

नागपंचमी 2022(Nag Panchami 2022) में 2 अगस्त के दिन है. इस दिन लोग नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा आर्चना करते हैं, और कुछ लोग इस दौरान व्रत भी रखते हैं. नाग पंचमी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है, जानिए यहां.(Nag Panchami 2022 Date Shubh Muhurat)

Nag Panchami 2022 Date Shubh Muhurat
नाग पंचमी 2022 तिथि शुभ मुहूर्त

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Published : Aug 2, 2022, 3:57 AM IST

शहडोल।आज नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन ज्यादातर लोग सर्प को दूध पिलाते हैं और शिव की पूजा करते हैं. ऐसे में कौन सा विशेष शुभ मुहूर्त है जिसमें नाग पंचमी की विशेष पूजा की जाए इसके बारे में जानते हैं. सर्प को किस मुहूर्त में दूध पिलाया जाए और कैसे कालसर्प दोष से नाग पंचमी के दिन मुक्ति मिल सकती है. इस सब के बारे में जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से-

नाग पंचमी 2022 तिथि शुभ मुहूर्त

नागपंचमी के दिन शुभ मुहूर्त:ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक, नागपंचमी के दिन सुबह 6:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक शुभ मुहूर्त है. उस दिन सभी नर नारी स्नान करें और कटोरी में दूध लेकर सबसे पहले जहां सांप का बिल हो वहां जाकर दूध चढ़ाएं. इसके बाद दूसरा शिव जी को दूध से स्नान कराएं और थोड़ा सा दूध वहां रखें भी, क्योंकि शिव जी के ऊपर जो सर्पराज रहते हैं, इससे वे भी बहुत खुश होते हैं.

कालसर्प के दोष से ऐसे पाएं मुक्ति: 12 राशियों के जातकों में से जिस जातक की राशि में भी कालसर्प दोष होता है या जिनकी जन्म कुंडली में अगर राहु और केतु के एक ही समस्त ग्रह आ जाएं तो कालसर्प दोष बनता है. इस दोष से पीड़ित जातक समाज में उचित स्थान प्राप्त नहीं कर पाता. काम अटक जाते हैं. योग्यता होने के बावजूद उचित स्थान प्राप्त नहीं होता. यह एक प्रकार का शाप होता है, जो सांप को मारना, पेड़ कटवाना, गरीबों को सताने से व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग बनता है. ऐसे जातक शिव जी के पास जाकर तांबे के दो सर्प बनवाए, या सोने का तांबे का दो सर्प बनवाएं, या चांदी का या आटे का सर्प बनाकर शिवजी के ऊपर चढ़ाए, तो काल सर्प दोष कम होता है.

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शिव जी पर चढ़ाएं चांदी का सर्प: कालसर्प दोष दो प्रकार के होता हैं, दिव्य और भौम. दिव्य सर्प वासुकी और तक्षक आदि हैं. इन्हें पृथ्वी का बोझ उठाने वाला और प्रज्ज्वलित अग्नि के समान तेजस्वी बताया गया है. वे अगर कुपित हो जाएं तो फुफकार और दृष्टिमात्र से सम्पूर्ण जगत को दग्ध कर सकते हैं. इनके डसने की भी कोई दवा नहीं बताई गई है. जो भूमि पर उत्पन्न होने वाले सर्प हैं, जिनकी दाढ़ों में विष होता है तथा जो मनुष्य को काटते हैं उनकी संख्या अस्सी बताई गई है, इसलिए जिन लोगों पर कालसर्प दोष है, वे विशेषकर नाग पंचमी के दिन शिव जी के ऊपर चांदी का सर्प चढाएं और दूध चढ़ाएं. इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी. सारे ग्रह बराबर काम करने लगेंगे, और कोई भी व्यवसाय हो नौकरी हो काम हो पढ़ाई हो किसी से भी जुड़ा हो सारे कार्य होने लगेंगे. भाग्य उदय भी होने लगेगा.

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