शहडोल।क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि स्टेशन में ट्रेन तो रुकती है, लेकिन टिकट नहीं मिलता. आज देश के हम एक ऐसे ही बेटिकट स्टेशन के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. जहां कहने को तो 5 ट्रेनें रुकती हैं, यात्री भी वहां से चढ़ते हैं, लेकिन यहां यात्रियों को टिकट नहीं मिलती है. इससे यात्री आए दिन परेशान होते हैं. हम बात कर रहे हैं शहडोल जिले के छादा रेलवे स्टेशन की. यह स्टेशन है दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) जोन बिलासपुर का रेलवे स्टेशन छादा.
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हर दिन यात्री करते हैं सफर:छादा स्टेशन के पास ही पिपरतरा गांव के रहने वाले नीरज शुक्ला बताते हैं कि, छादा स्टेशन में टिकट काउंटर के लिए वहां के ग्रामीण लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए बिलासपुर से लेकर हर जगह वो ज्ञापन भी दे चुके हैं. उन्होंने बताया कि, यहां बकायदा टिकट खिड़की भी बनी हुई है, जो ट्रेन रुकती है उनकी समय सारणी भी यहां लिखी हुई है. इसके अलावा हर दिन यात्री भी सफर करते हैं और कई यात्री ट्रेन में इस स्टेशन से चढ़ते भी हैं, लेकिन टिकट न मिलने से यात्री परेशान होते रहते हैं. इस स्टेशन से करीब 10 से 15 गांव लगे हुएं हैं और इस स्टेशन में टिकट न मिलने से वहां के ग्रामीण परेशान हैं. रेलवे प्रशासन से ग्रामीणों ने अपील की है कि, छादा स्टेशन में टिकट व्यवस्था फिर से शुरू करवाई जाए जिससे यात्रियों को परेशान न होना पड़े.
टीटी भी करते हैं परेशान:रेल अधिकारियों की अजब-गजब फरमान के कारण यात्रियों को भी बिना टिकट यात्रा करने के लिए विवश होना पड़ता है. सफर के दौरान टिकट न होने पर टीटी भी आए दिन परेशान करते हैं. यात्रियों ने बताया कि, स्थानीय अफसरों की अनुशंसा के बाद बीते साल फरवरी माह में रेलवे ने छादा स्टेशन को आधिकारिक रूप से बंद कर दिया है, लेकिन ट्रेनों का स्टॉपेज यथावत जारी रखा है. रेल अधिकारियों के छादा स्टेशन को बंद किए जाने के विरोध में छादा स्टेशन के आसपास के करीब 10 से 15 से ज्यादा गांव के लोग आक्रोशित हैं और स्थानीय स्तर पर मांग उठाने के साथ ही बिलासपुर डीआरएम से भी मुलाकात कर समस्याओं से उन्हें अवगत करा चुके हैं.
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ऑपरेशनल स्टॉपेज इसलिए टिकट नहीं:दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल के पीआरओ अम्बिकेश साहू से जब हमने ये पूछा कि आखिर यहां टिकट क्यों नहीं मिलती है. इस पर पीआरओ अंबिकेश साहू का कहना था कि, छादा रेलवे स्टेशन में ऑपरेशनल स्टॉपेज है. रेलवे में स्टॉपेज कई तरह के होते हैं एक तो वाणिज्यिक ठहराव होता है. जहां आदमी चढ़ते उतरते हैं. एक ऑपेरशनल स्टॉपेज होता है, एक्चुअल में हमारे परिचालन की दृष्टिकोण से वहां पर स्टॉपेज बनाया गया है. पब्लिक के लिए यहां स्टॉपेज नहीं है. जब हमने उनसे सवाल किया कि फिर भी वहां पर पांच यात्री ट्रेन क्यों रुकती हैं, इस पर उनका कहना था कि, ऑपरेशनल स्टॉपेज की वजह से वहां ट्रेन रुकती है.