शहडोल। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. इस जिले में 3 विधानसभा सीटें हैं और तीनों ही विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. मतलब भारतीय जनता पार्टी के विधायक यहां काबिज हैं. कभी यह आदिवासी इलाका कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय हो गया है. अब यह इलाका बीजेपी का गढ़ बन चुका है और यहां सेंध लगाना कांग्रेस के लिए अब बड़ी चुनौती बन चुकी है. ऐसे में क्या आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कमाल कर पाएगी. क्या बीजेपी के गढ़ में सेंध लगा पाएगी, क्योंकि यह इलाका विंध्य का अहम इलाका है. यहां पर सीधे-सीधे खुद शिवराज सिंह चौहान की नजर रहती है.
शहडोल में कितने विधानसभा:शहडोल जिले में 3 विधानसभा सीटें हैं और तीनों ही विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. जयसिंह नगर विधानसभा क्षेत्र, जैतपुर विधानसभा क्षेत्र और ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र, यह 3 विधानसभा सीटें है. तीनों ही विधानसभा सीट आदिवासी सीट है. एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं और तीनों ही सीटों पर बात करें तो जयसिंह नगर में जहां बीजेपी के जय सिंह मरावी विधायक हैं, तो जैतपुर में बीजेपी से मनीषा सिंह विधायक हैं, वहीं ब्यौहारी में भी भारतीय जनता पार्टी के शरद कोल विधायक हैं.
प्रकृति की खूबसूरती और खनिज संपदा का भंडार: शहडोल जिला भले ही आदिवासी बाहुल्य जिला है, लेकिन अगर प्रकृति की खूबसूरती देखनी है तो शहडोल आइए खनिज संपदा का यहां अकूत भंडार पाया जाता है, कोयला की नगरी कही जाती है. इतना ही नहीं यहां पर रिलायंस जैसी बड़ी कंपनी मीथेन गैस निकाल रही है, कोयला खनन के लिए कई बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां मौजूद हैं, इसके अलावा यहां ओपियम पेपर मिल एशिया का पहला कागज का कारखाना है. यह अपने आप में ही अद्भुत है. इतना ही नहीं इसके अलावा कई ऐसे छोटे-बड़े कारोबार यहां फल फूल रहे हैं. फिर भी यह बड़ा सवाल है कि इतने बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां बड़े-बड़े कारखाने कोयला का अकूत भंडार और उसके होने के बाद भी शहडोल में लोग रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं जो बड़ा सवाल है.
शहडोल को राजा विराट की नगरी कही जाती है. यहां का विराट शिव मंदिर अनोखा, अद्भुत और अलौकिक है. जिसे दूर-दूर से देखने के लिए लोग पहुंचते हैं.
जयसिंहनगर विधानसभा सीट: शहडोल जिले का जयसिंहनगर विधानसभा सीट हमेशा चर्चित रहता है, क्योंकि शहडोल जिला मुख्यालय भी इसी विधानसभा के अंतर्गत आता है. यहां पर हर बार काफी रोचक लड़ाई देखने को मिलती है, क्योंकि इस विधानसभा सीट में पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. हर बार यहां भारतीय जनता पार्टी मजबूत रही है. ऐसे में इस बार बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बार कांग्रेस इस विधानसभा सीट पर सेंध लगा पाएगी. जयसिंह नगर विधानसभा सीट से वर्तमान में बीजेपी के मजबूत विधायक जय सिंह मरावी का कब्जा है. आगामी विधानसभा चुनाव में इस बार क्या होगा इस पर सबकी नजर है.
पिछले तीन चुनाव में जयसिंहनगर: जयसिंहनगर विधानसभा सीट पर नजर डालें तो इस सीट में 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के विधायक जय सिंह मरावी ने जीत हासिल की थी. उनके मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी के ध्यान सिंह मार्को थे. साल 2018 में जयसिंहनगर विधानसभा सीट में 2,33,383 टोटल वोटर थे, जिसमें से 1,13,704 महिला वोटर थीं, तो वहीं 1,19,678 पुरुष वोटर थे.
साल 2013 विधानसभा चुनाव:साल 2013 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो जयसिंह नगर सीट में बीजेपी की प्रमिला सिंह जो कि बीजेपी विधायक प्रत्याशी थीं, जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी. उस चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंदी ध्यान सिंह थे जो कि कांग्रेस के ही प्रत्याशी थे और इस चुनाव में दोनों के बीच जीत का अंतर 13, 963 वोट का था.
साल 2008 विधानसभा चुनाव:साल 2008 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो जयसिंह नगर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुंदर सिंह जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. उनके मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस के कमला प्रसाद सिंह थे. इस चुनाव में सुंदर सिंह और कमला प्रसाद सिंह के बीच जीत का अंतर 12,284 वोट का था.
जयसिंहनगर विधानसभा में वोटर्स: जयसिंह नगर विधानसभा सीट में टोटल वोटर्स की संख्या पर नजर डालें तो वर्तमान में 2,44,226 टोटल वोटर हैं. जिसमें से 1,24,931 पुरुष वोटर्स हैं और 1,19,290 महिला वोटर हैं, तो वहीं 5 थर्ड जेंडर वोटर हैं. आगामी कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में इतने ही वोटर फैसला करेंगे, कि इस बार आगामी विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनेगी. बीजेपी का विधायक जीतेगा या फिर कई दशक के बाद कांग्रेस इस विधानसभा सीट पर सेंध लगाने में कामयाब हो पाएगी.