शहडोल।आदिवासी बाहुल्य इलाके में कोरोना के बढ़ते संक्रमण (Shahdol corona cases) को रोकने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं. कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर संभावना जताई जा रही है कि बच्चे इसमें ज्यादा संक्रमित हो सकते हैं, ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जिल में किस तरह की तैयारी है, और कितने बेड्स की व्यवस्था की गई है. शहडोल जिला आखिर बच्चों के इलाज के लिए कितना तैयार है, ये जानने की कोशिश की ईटीवी भारत ने.
शहर-शहर ईटीवी भारत ने किया कोरोना का रियलिटी चेक, जानिए कितना तैयार है एमपी
कोरोना से जंग जारीः शहडोल में 100 बेड्स बच्चों के लिए रिजर्व, 58% का हुआ वैक्सीनेशन
कोरोना की तीसरी लहर (MP Corona third wave) में बच्चों को होनेवाले संक्रमण के खतरे को देखते हुए शहडोल जिले में खास व्यवस्था की गई है. यहां के विभिन्न अस्पतालों में कोविड संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए 100 बेड आरक्षित किए गए हैं.
कोरोना संक्रमित बच्चों के लिए 100 बेड्स रिजर्व
तीसरी लहर के कहर को देखते हुए शहडोल में 100 बेड्स बच्चों के लिए रिजर्व (100 beds reserve for children in Shahdol) रखे गए हैं. कोविड-19 के जिला नोडल अधिकारी अंशुमन सुनारे ने बताया कि बच्चों के लिए अलग से 100 बेड की व्यवस्था की गई है. वहीं शहडोल मेडिकल कॉलेज में एनआईसीयू और पीआईसीयू मिलाकर 18 बेड की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा जिला चिकित्सालय में एनआईसीयू और पीआईसीयू मिलाकर के 40 बेड रिजर्व है. इस तरह से मेडिकल कॉलेज और जिला हॉस्पिटल मिलाकर 58 बेड की व्यवस्था है. जिसमें एनआइसीयू और पीआईसीयू शामिल हैं. साथ ही 42 बेड की व्यवस्था जिले के प्राइवेट हॉस्पिटल और दूसरी जगह मिलाकर की गई है. अंशुमन सुनारे ने कहा है कि फिलहाल बच्चों को लेकर ये विशेष व्यवस्था है और अगर स्थिति आगे चलकर गंभीर होती है तो बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी.