शहडोल। अभी हाल ही में शहडोल जिले में जो निकाय चुनाव संपन्न हुए उसमें कांग्रेस को सफलता मिली. कांग्रेस ने ऐतिहासिक अंदाज में कम पार्षद होने के बाद भी शहडोल नगर पालिका में अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाबी हासिल कर ली. ऐसा लगभग दो दशक बाद हुआ जब शहडोल नगर पालिका में कांग्रेस का अध्यक्ष बना. जयसिंहनगर नगर परिषद में भी कांग्रेस अपना अध्यक्ष बनाने में सफल रही. अब इस जीत को कांग्रेस एक अलग ही अंदाज में भुनाने की तैयारी में जुट चुकी है. जिसके लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का भी शहडोल दौरा तय हो चुका है.
सात नवंबर को आ रहे कमलनाथः बीते शुक्रवार को ही शहडोल जिला कांग्रेस कार्यालय में एक अहम बैठक बुलाई गई. जिसमें जिले भर के कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हुए. ये बैठक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के आगमन की तैयारी को लेकर बुलाई गई थी. जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पीयूष शुक्ला ने बताया कि 7 नवंबर को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का शहडोल आगमन हो रहा है. जिसकी तैयारी के लिए यह बैठक आयोजित की गई. कांग्रेस ने शहडोल नगर पालिका में अध्यक्ष पद जीतने में जिस तरह से कामयाबी हासिल की उस जीत के उपलक्ष में कमलनाथ का शहडोल आगमन हो रहा है. कमलनाथ के इस दौरे के साथ ही विराट विजय पर्व के रूप में आम सभा आयोजित करने की तैयारी की जा रही है. साथ ही कई और कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं.(mp assembly election 2023) (congress misson 2023) (kamalnath coming shahdol on 7th November)
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निकाय चुनाव की सफलता से उत्साहित कांग्रेसीः देखा जाए तो अभी हाल ही में जो निकाय चुनाव संपन्न हुए, उसमें सब की नजर शहडोल नगर पालिका चुनाव पर थी. यह संभागीय मुख्यालय है और यहां पर कौन बाजी मारता है ये बड़ा मायने रखता है. जब चुनाव हुए तो शहडोल नगर पालिका के 39 वार्ड में बीजेपी के जहां 18 पार्षद जीतने में कामयाब हुए तो कांग्रेस के 12 पार्षद ही जीतने में कामयाब रहे थे. इसके अलावा 9 पार्षद निर्दलीय जीत दर्ज करने में सफल हुए. आखिरी तक कयास लगाए जा रहे थे, की शहडोल नगर पालिका का अध्यक्ष एक बार फिर से बीजेपी बना लेगी. हुआ इसके उलट अध्यक्ष चुनाव के दिन बाजी कुछ ऐसे पलट गई जिसका किसी को अंदाजा भी नहीं था. कांग्रेस ने 12 पार्षद होने के बाद भी अपना अध्यक्ष बनाने में सफलता हासिल कर ली. इस ऐतिहासिक जीत को अब कांग्रेस भुनाने में भी लगी हुई है. जयसिंहनगर नगर परिषद में भी कांग्रेस अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही वहीं बुढार नगर परिषद में उपाध्यक्ष बनाने में कामयाब रही. (mp assembly election 2023) (congress misson 2023) (congressmen excited by success of civic elections)
आदिवासी वोटरों पर कमलनाथ की नजरः इस मौके पर कमलनाथ के शहडोल दौरे को लेकर कई मायने लगाए जा रहे हैं. पहले से ही कहा जा रहा है कि आदिवासी वोटर्स पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की नजर है. इसको साधने के लिए दोनों ही पार्टी हर संभव कोशिश कर रही हैं. कमलनाथ भी इससे पीछे नहीं हट रहे हैं. उन्हें भी मालूम है कि कांग्रेस की जीत के लिए आदिवासी सीटें बहुत अहम है. इसके लिए वह आदिवासी अंचलों में अपने दौरे भी शुरू कर चुके हैं. शहडोल दौरे को लेकर भी यही कयास लगाए जा रहे हैं.आदिवासी वोटर की अहमियत उन्हें भी आगामी विधानसभा चुनाव में बखूबी पता है. (mp assembly election 2023) (congress misson 2023) (congress eyes on tribal voters)
शहडोल का राजनीतिक समीकरणःशहडोल जिले के राजनीतिक समीकरण की बात करें तो यह आदिवासी जिला है. यहां पर 3 विधानसभा सीट है. तीनों ही विधानसभा सीट आदिवासी सीट हैं. मतलब आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. वर्तमान में तीनों ही विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी का ये कब्जा कुछ दशक से लगातार बना हुआ है. एक दौर था जब शहडोल जैसे आदिवासी बहुल इलाके में कभी कांग्रेस की तूती बोलती थी. या यूं कहें कि यहां कांग्रेस के वोटर की संख्या ज्यादा थी. जब से यहां बीजेपी ने अपनी धाक जमाई है, तब से कांग्रेस की एक नहीं चल पा रही है. ऐसे में इस बार आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पहले से ही कांग्रेस आदिवासी सीटों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने में जुटी हुई है. जिसके लिए अपने संगठन को भी मजबूत करने में लगी हुई है. साथ ही आदिवासी वोटर्स को लुभाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. (mp assembly election 2023) (congress misson 2023)
अध्यक्ष बदलने के बाद कांग्रेस में बदलावः बता दें कि अभी कुछ महीने पहले ही शहडोल कांग्रेस जिलाध्यक्ष को बदला गया और आजाद बहादुर की जगह सुभाष गुप्ता को कांग्रेस के शहडोल जिला अध्यक्ष की कमान सौंपी गई. जिसके बाद से ही कांग्रेस में एक अलग ऊर्जा देखने को मिल रही है. अभी हाल ही में हुए निकाय चुनाव के जो परिणाम आए और जिस तरह से कांग्रेस ने सफलता हासिल की उसे लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुभाष गुप्ता, रविंद्र तिवारी, अजय अवस्थी जैसे नेताओं की अहम भूमिका मानी जा रही है. अब इस जीत के बाद उत्साहित कांग्रेसी अपनी पार्टी को संगठित करने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले कुछ सालों से लगातार कांग्रेस पार्टी जिले में अपने ही नेताओं के आपसी विवादों और अंतर्कलह की वजह से सुर्खियों में रही है. बहरहाल अब देखना यह होगा कि कमलनाथ के इस दौरे के बाद शहडोल में कांग्रेस का कैसा माहौल बनता है. क्या कमलनाथ अपने इस दौरे के साथ ही शहडोल जिले के इस आदिवासी बहुल इलाके के वोटर्स को भी साधने में कामयाब रहेंगे. (mp assembly election 2023) (congress misson 2023) (congress eyes on tribal voters)