मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

ग्राउंड रिपोर्ट: समय पर मिलता इलाज तो बच जाता लाल, ईटीवी भारत पर मृतक की मां ने सुनाई दास्तां - Newborn died in Shahdol

शहडोल जिला अस्पताल में जिन 13 नवजात मौत के गाल में समा गए उन्में एक बोडरी गांव का तीन साल का मासूम भी शामिल है. ईटीवी भारत अपनी ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए जमीनी हकीकत जानने की कोशिश कर रहा है कि आखिर उस वक्त क्या कुछ हुआ था जब बच्चे की मौत हुई. सुनिए इस मजबूर मां की जुबानी उनकी दर्दनाक कहानी...

Ground report
ग्राउंड रिपोर्ट

By

Published : Dec 7, 2020, 7:29 PM IST

Updated : Dec 7, 2020, 8:07 PM IST

शहडोल।शहडोलजिला चिकित्सालय में सिलसिलेवार तरीके से हो रही बच्चों की मौत का मामला लगातार सुर्खियों में है. आलम यह है की एक साथ 13 बच्चों की मौत हो जाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में ईटीवी भारत अपनी ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए लगातार उन बच्चों के परिजनों के यहां पहुंच रहा है. जिन्होंने अपने जिगर के तुकड़े को खोया है. आज हम शहडोल जिला मुख्यालय से 25 से 30 किलोमीटर दूर बोडरी गांव में पहुंचे. शहडोल जिला अस्पताल में जिन 13 नवजातों ने दम तोड़ा है उन्हीं में एक तीन महीने का मासूम बोडरी गांव का भी शामिल है. 27 नवंबर को जिला अस्पताल में बोडरी गांव का तीन महीने का मासूम मौत की नींद सो गया.

ग्राउंड रिपोर्ट

ईटीवी भारत ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में यह जानने की कोशिश की, आखिर इस मासूम को क्या हुआ था और जिला अस्तपाल में इलाज के दौरान किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ा. इस बारे में हमने मृतक बच्चे की मां राजकोल से बातचीत की तो सच्चाई सामने आई. उस माता पतिा पर क्या कुछ गुजरी जब उसने अपनी तीन महीने की बच्चे को खो दिया.

अगर समय से मिल जाती एंबुलेंस, तो बच सकता था

बोडरी गांव में जिस मासूम की मौत हुई उसकी मां राजकोल ने बताया कि उनका इकलौता बेटा था, 26 तारीख को अचानक से दूध पीने को छोड़ दिया था. 12 बजे दिन से ही दूध पीना छोड़ चुका था और लगातार रो रहा था. दिन में कोई घर में नहीं था इसलिए जब शाम को सब आए तो बच्चे की तबीयत की जानकारी दी. स्थिति खराब होता देख रात 10 बजे एंबुलेंस को फोन लगाया लेकिन सुबह तीन बचे एंबुलेंस घर पर पहुंची. जबिक एंबुलेंस को लगातार फोन कर सूचना दे रहे थे कि बच्चा सीरियस है. एम्बुलेंस आते ही तुरंत जिला चिकित्सालय के लिए रवाना हुए, रास्ते में बच्चा और ज्यादा सीरियस हो चुका था. अस्पताल में तुरंत एडमिट कर दिए. सुबह पांच बजे बच्चे को भर्ती किया और दोपहर दो बचे बच्चे की मौत हो गई.

ये भी पढ़ें:...वो हमारी बच्ची थीं, उसे अचानक उल्टी हुई..और अब वो नहीं रहीं...रोते बिलखते पिता ने ईटीवी भारत को सुनाई आपबीती

मृतक बच्चे की मां ने बताया कि डॉक्टर ने निमोनिया बताया था. इससे पहले भी बच्चे को दो बार अस्पताल ले जाकर भर्ती करा चुके थे. पहली बार जन्म के समय तब पीलिया था. 7 से 8 दिन रहे फिर दूसरीं बार कुछ दिन पहले ले गए तब निमोनिया बताये थे. सात से आठ दिन भर्ती रहे डॉक्टर बोले ठीक हो गया है. ले जाओ छुट्टी कर दी है लेकिन कुछ दिन बाद फिर से ये समस्या आ गई. अब ये तीसरी बार अस्पताल ले जाकर भर्ती किया था.

गौरतलब है कि तीन महीने के मासूम मां का साफ कहना था कि अगर एंबुलेंस की सुविधा समय से मिल जाती और उनका जिगर का तुकड़ा समय से अस्पताल पहुंच जाता तो हो सकता था कि आज उनकी गोद में उनका बच्चा बैठा होता.

Last Updated : Dec 7, 2020, 8:07 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details