शहडोल।ज्योतिषाचार्य की मानें तो शनि और मंगल इन दिनों अलग-अलग राशियों में वक्री चल रहे हैं और जिन राशियों में शनि और मंगल वक्री चल रहे हैं, उन राशि के जातकों के लिए समय अनुकूल नहीं है. ऐसे जातकों को सावधान रहना होगा. आखिर किस तरह की परेशानियां आ सकती हैं, किन राशियों में शनि वक्री चल रहे हैं, किन राशियों में मंगल वक्री चल रहे हैं, कब तक इन राशियों में शनि और मंगल वक्री चलते रहेंगे, साथ ही किस तरह के उपाय करें, जिससे परेशानियों से छुटकारा मिलेगा इस सब के बारे में ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने जानकारी दी है.
इन राशियों पर शनि चल रहे हैं वक्री:ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक, वर्तमान में 6 नवंबर से कुंभ और मकर राशि में शनि वक्री चल रहे हैं. मतलब शनि की पूर्ण दृष्टि मकर और कुंभ राशि में पड़ रही है. शनि की पूर्ण दृष्टि पड़ने से ऐसे जातकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. जैसे व्यापारियों की बात करें तो वर्तमान में शनि से संबंधित जैसे लोहे का काम करें, पत्थर का काम करें या अन्य आभूषणों का काम करें, तो इसमें इस राशि के जातकों को नुकसान हो सकता है. जो नौकरी पेशा वाले हैं वो सावधानी रखें और बड़े बारीकी से काम को निपटाएं, क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही अगर बरती तो शनि की दृष्टि पड़ने से नुकसान हो सकता है. जो विद्यार्थी हैं उनमें भी शनि की दृष्टि रहेगी साथ ही उनको आलस के भाव रहेंगे या पढ़े हुए चीज भूल जाएंगे. यह समय व्यर्थ में व्यतीत करेंगे ऐसा शनि का प्रभाव रहेगा. जो राजनैतिक दल के लोग हैं उनमें भी मकर और कुंभ राशि में शनि वक्री होने से उथल-पुथल रहेगा और जो जिस पद में बैठे हैं उस पद से नीचे आने की पूर्ण संभावना बनी रहेगी. शनि के वक्री होने से ऐसा नुकसान है.
ऐसे करें उपाय:ज्योतिषाचार्य के मुताबिक मकर और कुम्भ राशि के जातक हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें, या मंदिर में जाकर हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाएं. वहां बैठकर उनके चरणों का ध्यान करते हुए और अपनी प्रार्थना वहां पर सुनाएं, ऐसा करने से उन पर शनि का प्रभाव कम होगा. मकर और कुम्भ राशि में लगभग 28 दिसंबर 2022 तक शनि वक्री रहेंगे. इसके बाद पुनः मार्गी हो जाएंगे, इसलिए 28 दिसंबर तक मकर और कुम्भ राशि के जातक थोड़ा सावधानी रखें हनुमान जी की सेवा करते रहें.