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समस्याओं से मुक्ति और मनपसंद विवाह के लिये महाशिवरात्री के दिन ऐसे करें चार पहर की पूजा

ऐसी कन्याओं के लिए महाशिवरात्रि का दिन बहुत शुभ और विशेष होता है जो अच्छे वर की तलाश में होती हैं जिनकी शादी में कोई दिक्कत आ रही है ऐसी कन्याएं विशेष पूजा (mahashivratri worship method) करके शिव-पार्वती को प्रसन्न कर सकती है जिससे उनकी सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं.

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Published : Feb 28, 2022, 6:33 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 7:41 PM IST

mahashivratri puja vidhi
महाशिवरात्रि विशेष

शहडोल : महाशिवरात्रि का दिन बहुत विशेष माना जाता है और इस दिन हर कोई शिव को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजा पाठ करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है. पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया है कि महाशिवरात्रि में चार पहर की पूजा क्यों विशेष होती है और क्या कुछ करना होता है और इसका समय क्या होता है साथ ही अगर किसी कन्या का विवाह किसी कारणवश नहीं हो पा रहा है, कोई दिक्कत आ रही है और मनचाहा वर चाहिए तो महाशिवरात्रि के इस विशेष पर्व के दिन कैसे आप अपनी इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.

महाशिवरात्री और शिव की चार पहर की आराधना महाशिवरात्रि को लेकर पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि महाशिवरात्रि का पर्व मंगलवार एक मार्च को है. महाशिवरात्रि का पर्व विशेष होता है. ये दिन-रात्रि पूरे एक दिन का पर्व माना जाता है.

अलग प्रकार से पूजा होती है चार पहर की पूजा
प्रातः कालीन ब्रह्म मुहूर्त 4:00 बजे से 12:00 बजे दोपहर के बीच में पहला मुहूर्त रहता है. इसमें प्रथम पूजा होनी चाहिए. दोपहर 12:00 बजे से 6:00 बजे शाम तक दूसरा मुहूर्त होता है दूसरा पहर भी बोलते हैं, उसमें विधि विधान से शिवजी की पूजा करनी चाहिये. शाम 6:00 बजे से 12:00 बजे रात्रि तक तीसरा पहर आएगा उसमें भी शिवजी का पूजन होना चाहिए. रात 12:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक यानी 24 घंटे में चार चरण आएंगे चार पहर की पूजा होगी और अलग-अलग प्रकार से पूजा होती है.

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इस तरह करें पूजा
सुबह की जो पूजा होती है उसमें शिव की मिट्टी की मूर्ति या पत्थर की मूर्ति या चांदी की मूर्ति हो, वहां जल अर्पण करें विधि विधान के साथ पूजा अर्चन करें दोपहर 12:00 बजे के बाद जो पूजा होती है उसमें शिव की मिट्टी की मूर्ति बनाकर थाली में सजाकर दूध, दही, शक्कर, शहद इससे पूजन होता है. शाम और रात्रि के समय जो पूजा होती है उसका अलग विधान है शिव-पार्वती की विधि विधान से पूजा होती है . शिव-पार्वती जी का विवाह कार्यक्रम करें. पकवान का भोग लगाएं और वहां पर पूजा-अर्चना करें. महाशिवरात्रि पर इस तरह से पूजन अर्चन करें तो महाशिवरात्रि पर पूरे एक दिन का पूजा विधान होता है इससे विशेष फल मिलता है.

अच्छे वर की है तलाश, ऐसे करें शिव को प्रसन्न
पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि महाशिवरात्रि का यह विशेष पर्व ऐसी कन्याओं के लिए भी बहुत शुभ और विशेष होता है. जो कन्याएं अच्छे वर की तलाश में होती हैं जिनकी शादी में कोई दिक्कत आ रही है ऐसी कन्याएं विशेष पूजा (mahashivratri worship method) करके शिव को प्रसन्न कर सकती है जिससे उनकी सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं.

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ज्योतिषाचार्य के मुताबिक ऐसी लड़कियों सायं 8:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे रात्रि के बीच में मिट्टी की शिव-पार्वती जी की सुंदर मूर्ति रखें और विधि विधान के साथ वहां पर संकल्प करें कि "विवाह में देरी हो रही है, जल्दी विवाह हो और इस कामना के लिए हम आपका पूजन कर रहे हैं"

अब उसके बाद शिवजी को जल, दूध, दही, गंगाजल, शहद, शक्कर से स्नान कराएं शिव-पार्वती को सजाएं और सजाने के बाद बेलपत्र में अपनी इच्छा "प्रभु विवाह में देरी हो रही है हमारा विवाह जल्दी हो" ऐसा लिख कर के शिव जी के ऊपर चढ़ा कर हाथ जोड़कर प्रार्थना करें. वहां पर 3 बार परिक्रमा करें. परिक्रमा करते समय मन में भाव रखें प्रभु हमारा विवाह जल्दी हो ऐसा करने से जल्द विवाह होता है. इसको गौरी पूजन भी बोलते हैं. परंपरा के अनुसार विवाह के पहले हमेशा से गौरी पूजन होता आ रहा है, और लड़कियां इस तरह महाशिवरात्री पूजन करें तो उनका विवाह जल्द होगा यह प्रमाणित है.

Last Updated : Feb 28, 2022, 7:41 PM IST

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