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अब शहडोल में 'लव जिहाद', पति उर्दू-अरबी पढ़ने का बनाता था दबाव, न सीखने पर करता था पिटाई - शहडोल लव जिहाद केस

मध्य प्रदेश के शहडोल से एक लव जिहाद का मामला सामने आया है. 2018 में हिंदू युवती ने एक मुस्लिम युवक के साथ भागकर शादी कर ली थी. समय बीतता गया और युवक युवती पर उर्दू-अरबी सीखने और दूसरे धर्म को अपनाने के लिए दबाव बनाने लगा. अब युवती की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

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लव जिहाद का मामला

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Published : Nov 30, 2020, 4:45 PM IST

शहडोल।छिंदवाड़ा और भोपाल के बाद अब शहडोल में लव जिहाद का मामला सामने आया है. एक हिंदू युवती ने मुस्लिम युवक के खिलाफ धनपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है. युवती का आरोप है कि युवक उस पर उर्दू-अरबी सिखने और धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाता था. युवती की शिकायत पर पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर कार्रवाई शुरू कर दी है. युवती का कहना है कि अब वो अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती है.

लव जिहाद का मामला

भागकर की थी दोनों ने शादी

2018 में दोनों युवक-युवती ने घर से भाग कर शादी की थी. युवती के परिजनों ने युवती की गुमशुदगी कि रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. उसके आधार पर जब युवती को तलाश कर बयान लिया गया तो युवती ने कहा कि वो मुस्लिम युवक के साथ ही रहना चाहती है. उन दोनों ने शादी कर ली है. युवती क्योंकि बालिग थी, इसलिए उसे युवक के साथ रहने की मंजूरी दे दी गई.

मुस्लिम रीति-रिवाज में हुई शादी

पीड़िता ने बताया कि 2018 में उसने मुस्लिम रीति रिवाज के साथ विवाह कर लिया था. पहले सब सही रहा. धीरे-धीरे युवक के घर वाले युवक से कहने लगे कि शादी को काफी समय हो गया है लेकिन अब तक युवती मुस्लिम धर्म को नहीं अपना पाई है. न ही उसे उर्दू-अरबी आती है. ऐसे में युवक युवती पर दबाव बनाने लगा. युवक खुद ही युवती को पढ़ाता भी था. लेकिन जब युवती नहीं पढ़ पाती तो उसे मारने लगा. ऐसे में युवती परेशान होकर वापस अपने घर आ गई.

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युवक ने जैसा-जैसा कहा सब वैसा ही किया

युवती ने बताया कि जब से वो छोड़कर गई है, तब से उसे अलग-अलग तरह की ताबीज पहनाई जाने लगी. ताबीज यह कहकर पहनाई जाती थी कि ये तुम्हारी हिफाजत के लिए है. इससे जादू टोना नहीं लगेगा. तुम्हारे मां-पिता कुछ करेंगे तो असर नहीं पड़ेगा. ये बहुत बड़ी ताबीज है. युवती ने कहा कि युवक जैसा-जैसा उसे करने के लिए कहता था वो सब वैसा-वैसा ही करती थी.

पुलिस ने किया युवक को गिरफ्तार

SDOP भरत दुबे ने बताया कि युवती की शिकायत पर धारा 498 ए के साथ-साथ मध्यप्रदेश धर्म स्वंत्रता अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला कायम कर युवक को गिरफ्तार भी कर लिया है. कार्रवाई जारी है.

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छिंदवाड़ा में सामने आया पहला मामला

लव जिहाद से जुड़ा पहला मामला छिंदवाड़ा से सामने आया था. जहां युवती ने धर्म विशेष के युवक पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आरोपी साबिर अली उसको धर्म परिवर्तन करके शादी करने के लिए डरा धमका रहा है. इसके साथ ही उसने जान से मारने की धमकी भी दी है. आरोपी साबिर अली पिछले एक साल से पीड़िता के नाम की फर्जी आईडी बनाकर सोशल मीडिया में अश्लील पोस्ट कर रहा है. पीड़िता को अश्लील वीडियो भेजता है. इतना ही नहीं साबिर ने पीड़िता के परिवार को जान से मारने और शादी नहीं करने पर युवती पर एसिड फेंकने की धमकी दी है, जिसकी वजह से पूरे परिवार का जीना हराम हो गया है.

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राजधानी से सामने आया था दूसरा मामला

वहीं दूसरा मामला राजधानी भोपाल से सामने आया था, जहां पीड़िता सीधे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने पहुंची और आपबीती बताई. जिसके बाद मंत्री ने पीड़िता को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है. युवती का आरोप है कि एक साल पहले वो एक युवक से मिली थी. युवक ने नाम बदलकर उससे दोस्ती की. उसके बाद मंदिर में जाकर शादी भी की. पीड़िता ने युवक का असली नाम सलमान बताया है, जोकि उसे कुछ दिन पहले ही पता चला है. पीड़िता का 6 महीने का बच्चा भी है.

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भोपाल से ही सामने आया तीसरा मामला

प्रदेश में लव जिहाद का तीसरा मामला भी राजधानी से ही सामने आया. कथित मुस्लिम अमित विश्वास नाम के युवक ने हिंदू महिला से शादी की थी. साल 2013 में उसने हिंदू महिला से शादी की और बाद में वह उस महिला को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित होने का दबाव बनाने लगा. जिसके बाद महिला ने राजधानी भोपाल के सुखी सेवनिया थाने में दहेज प्रताड़ना के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि आवेदन के आधार पर दहेज प्रताड़ना के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

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क्या है लव जिहाद

लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है. लव अंग्रेजी भाषा से लिया गया है और जिहाद अरबी शब्द है. जिहाद का मतलब किसी भी उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना. जब एक धर्म विशेष को मानने वाले छल, फरेब और झूठ का सहारा लेकर अपने प्यार के जाल में दूसरे धर्म की लड़की को फंसाकर उसका धर्मांतरण और फिर उससे शादी करते हैं, तो इसे ही लव जिहाद कहा गया है. हालांकि, लव जिहाद को तब तक मान्यता नहीं मिली, जब तक खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया.

मध्य प्रदेश में तैयार मासौदा

मध्य प्रदेश सरकार ने एमपी धर्म स्वातंत्र्य विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया है. इस कानून के तहत लव जिहाद के आरोपी को 10 साल की सजा का प्रावधान तय किया गया है. साथ ही इस विधेयक में शादी करवाने वाली संस्था का पंजीयन भी निरस्त किए जाने के प्रावधान हैं. इससे पहले पांच साल की सजा का प्रवधान किए जाने पर विचार किया जा रहा था.

आगामी विधानसभा सत्र में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक लाने की तैयारी है. प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 का मसौदा तैयार करने के लिए भोपाल स्थित मंत्रालय में बैठक की. इसमें सजा का प्रावधान पांच साल से बढ़ाकर 10 साल करने पर सहमति बनी है.

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आरोपी को होगी 10 साल की सजा

प्रस्तावित 'मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य विधेयक' में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कानून की तर्ज पर ही सजा का प्रावधान किया गया है. बहला-फुसलाकर या फिर जबरन धर्मांतरण और विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं और उन्हें वित्तीय सहायता देने वाली संस्थाओं के पंजीयन निरस्त होंगे. विधेयक का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा.

संस्थाओं पर क्या कार्रवाई होगी ?

तय हुआ कि ऐसी गतिविधियों को संचालित करने वाली संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. बगैर आवेदन धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरुओं को भी पांच साल की सजा होगी.

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क्या होंगे शादी के नियम ?

धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह से एक महीने पहले जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन करना होगा. कलेक्टर दोनों पक्षों और उनके परिजनों को नोटिस देकर तलब करेगा. उनसे लिखित बयान भी लिए जाएंगे, कि विवाह या धर्मांतरण के लिए जोर-जबरदस्ती तो नहीं की जा रही है. इसके बाद ही कलेक्टर अनुमति देंगे. अगर बिना आवेदन प्रस्तुत किए किसी काजी, मौलवी या पादरी धर्म परिवर्तन और विवाह कराते हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ पांच साल की सजा का प्रावधान तय किया गया है.

परिजन कर सकेंगे शिकायत

बहला-फुसलाकर या धोखे में रखकर विवाह और धर्मांतरण कराने के मामले में पीड़ित, उसके माता-पिता और परिजन शिकायत कर सकते हैं. यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा. इस तरह से धर्मांतरण या विवाह आरोपी को स्वयं ही प्रमाणित करना होगा, कि वो बगैर किसी दबाव के, बगैर किसी धमकी के, किसी लालच के बिना किया गया है. इस कानून के तहत विवाह को शून्य भी कराया जा सकेगा.

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