शहडोल।इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा. इसको लेकर शिवालयों में तैयारियां जोरों पर हैं, शिव भक्त देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए लगातार तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस दिन शिव भक्त कड़ी शिव उपासना करते हैं. अगर आप भी महादेव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो बेलपत्र (Mahashivratri Bel Patra) के महत्व को समझना बेहद जरूरी है. ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक भगवान शिव के पूजन में बेलपत्र का विशेष महत्व है. शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से महादेव प्रसन्न होते हैं, मान्यता है कि शिवजी की उपासना बिना बेलपत्र के पूरी नहीं होती.
बेलपत्र चढ़ाने से शिव जी होते हैं प्रसन्न:ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि, इस दिन काफी संख्या में भक्त शिव उपासना करते हैं और भोलेनाथ के ऊपर बेलपत्र या धतूरा का फूल या धतूर का फल चढ़ाते हैं, जिससे शिव जी प्रसन्न होते हैं. इससे शिव उपासना पूरी होती है और महादेव के भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
ऐसे चढ़ाएं बेलपत्र:ज्योतिषाचार्य सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, शास्त्रों में लिखा है 'अखंडई बिल्वपत्रश, पूजये शिव शंकरम, कोटि कन्या महादानम, बिल्व पत्रम समर्पयामि'। यानी अखंड बेलपत्र, 3 या इससे ज्यादा बेलपत्र चढ़ाने पर जो पुण्य मिलता है, जो करोड़ों कन्याओं के विवाह करने पर पुण्य मिलता है, वो महाशिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ पर धतुरा और बेलपत्र चढ़ाकर मिल जाता है. बेलपत्र को लेकर दूसरा शास्त्रों में वर्णित है कि, 'त्रि दलम त्रिगुणा कारम त्रिनेत्रम च त्रियाउधम, यन्म पाप संघारम, बिल्ब पत्रम समर्पयामि'. इसका मतलब 3 काल, समय, देवता होते हैं. काल में सुबह, दोपहर, शाम और तीन देवता में ब्रह्मा, विष्णु, महेश. शास्त्रों में लिखा है महाशिवरात्रि पर कितना भी बड़ा पाप किया हो अगर बेलपत्र और धतुरा चढ़ाते हैं तो वहीं सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.