शहडोल। अयोध्या से शुरू हुई भगवान श्री राम की वनवास यात्रा रामेश्वरम से होते हुए श्रीलंका में संपन्नन हुई. इस दौरान राजाराम देश के दिल यानी मध्य प्रदेश से होकर गुजरे और यहां उन्होंने लंबा वक्त भी गुजारा, शहडोल भी भगवान राम के रामवन गमन पथ का साक्षी बना. शहडोल के जंगलों में जिस जगह रघुराई के चरण पड़े, वह धरा धन्य हो गई, इसका जिक्र पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है. यहां मौजूद दशरथ घाट से होते हुए भगवान राम आगे बढ़े.
सोन और जोहिला नदी का संगम स्थल
उमरिया जिले के केल्हारी गांव पास कल- कल की आवाज के साथ बहती सोन और जोहिला नदी का संगम भगवाव राम की वनवास यात्रा का अहम पड़ाव था, जिसे दशरथ घाट नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि भगवान श्रीराम अपने छोटे भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ जंगल की वादियों को पार करते हुए इस स्थान पर पहुंचे थे और यहीं उन्होंने अपने पिता दशरथ का दसवां श्राद्ध और पिंडदान किया था.
विशाल मेले का होता है आयोजन