शहडोल।मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में मौजूद पुरातत्व, प्राकृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक और कई ऐसे चमत्कारी-अद्भुत स्थल अनायास ही यहां आने वाले का मन मोह लेते हैं. लेकिन शहडोल में एक ऐसी अद्भुत जगह है 'लखबरिया केव्स' जहां एक साथ एक लाख गुफाएं मौजूद हैं. इन गुफाओं के बारे के कहा जाता है कि ये गुफाएं पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान बनाई थीं.
मैकल पर्वत की तराई क्षेत्र में हैं गुफाएं
जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर बुढ़ार तहसील के दक्षिण में ग्राम लखबरिया है. जहां पांडवों की ऐतिहासिक और प्राचीन गुफाएं हैं. यह मैकल पर्वत की तराई क्षेत्र में है, जहां लाल बलुआ पत्थर की विस्तृत चट्टान है. पूर्व से पश्चिम करीब 300 मीटर और उत्तर से दक्षिण करीब 200 मीटर क्षेत्र में प्राचीन गुफा विद्यमान है, जो लखबरिया की गुफाएं या लखबरिया केव्स के नाम से मशहूर है.
पांडवों ने कराया है निर्माण
इन गुफाओं के बारे में कहा जाता है कि जब पांडव अज्ञातवास में थे, तो उन्होंने ही इन ऐतिहासिक गुफाओं का निर्माण किया था, और अज्ञातवास का कुछ समय भी यहां गुजारा था. पुरातत्वविद रामनाथ सिंह परमार ने बताया कि लखबरिया की गुफाएं ऐतिहासिकता के साथ-साथ प्रसिद्धता भी लिए हुए है. महाभारत में पांडवों के अज्ञातवास को भी इससे जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि जब पांडव अज्ञातवास में थे तो उन्होंने राजा विराट के क्षेत्र में अज्ञातवास के लिए शरण ली थी. उसी अंतराल में उन्होंने लखबरिया में एक लाख गुफाओं का निर्माण किया था.
बलुआ पत्थर से किया गया है गुफाओं का निर्माण
करीब 300 मीटर लंबी और 200 मीटर चौड़ी इन गुफाओं में जो बड़ी भारी ठोस चट्टानें हैं. वह लाल बलुआ पत्थर की है, जिनसे इन गुफाओं को निर्मित किया गया है. पांडु वंशी राजाओं ने दूसरी सदी में इसका निर्माण कार्य शुरू किया. और छठवीं सदी तक निर्माण कार्य निरंतर चलता रहा. उत्तर की ओर तीन गुफाएं हैं. पश्चिम की ओर भी लगभग सात गुफाएं हैं. जिनमें मंदिर है. वहां एक आश्रम भी है जहां बैठकर गुरु प्रवचन करते थे. और शिष्यों को पढ़ाते थे. दक्षिण की ओर भी तीन गुफाएं हैं, और पूर्व की ओर भी कुछ गुफाएं हैं जो आज भी अधूरी है. इन गुफाओं के पास एक तालाब भी है.