शहडोल। मध्य प्रदेश में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रही है. बीजेपी के देश भर के नेता इन दिनों मध्य प्रदेश में अपना डेरा जमाए हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी इन दिनों प्रदेश भर में जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है. शहडोल जिले में भी जन आशीर्वाद यात्रा पहुंच चुकी है. जिसे लेकर भाजपा के अलग-अलग नेता भी पहुंच रहे हैं. इसी जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल होने के लिए झारखंड प्रदेश के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे आज शहडोल पहुंचे. जहां उन्होंने प्रेस वार्ता की और उसमें कांग्रेस को जमकर घेरा, तो वहीं बीजेपी की तारीफों के कसीदे पढ़े. साथ ही भारतीय जनता पार्टी के कामों को गिनाया.
बीजेपी के निशाने पर कमलनाथ: कमलनाथ प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री के दावेदार हैं. अब भारतीय जनता पार्टी भी कमलनाथ पर लगातार निशाना साध रही है. जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल होने आए झारखंड के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने कमलनाथ पर जमकर निशान साधा. उन्होंने कहा "अगर 75-76 साल की उम्र हो जाए तो फिर थकावट तो लगेगी ही, कांग्रेस पार्टी के पास कोई चेहरा नहीं है. कांग्रेस पार्टी के जो चेहरे हैं, उनकी उम्र क्या है. उस उम्र में वो कितने जिलों का भ्रमण कर पाएंगे. दोनों पिता और पुत्र को मैं देखता हूं, एक तो हमारे साथ सांसद हैं, जिनके पिता यहां मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. एक भी दिन उन्होंने पार्लियामेंट पर मुंह नहीं खोला."
कमलनाथ को राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए:सांसद निशिकांत ने कहा कि "आप किस व्यक्ति को सांसद और विधायक बना रहे हो. सांसद और विधायक कोई भी बने, लेकिन सांसद और विधायक का काम होता है, अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बात करना पार्लियामेंट में किसी विषय के ऊपर डिबेट करना चाहिए. आप रिकॉर्ड उठा कर देख लीजिए. गेहूं की खरीद के अलावा अगर नकुलनाथ ने एक बार भी बोला हो, मैंने देखा है कि अपने चार्टर प्लेन से उतरते हैं, वहीं जो उनके लोग वहां खड़े रहते हैं. बस एप्लीकेशन लेते रहते हैं. उनसे 2 मिनट बात भी नहीं करते हैं, कि इसमें जो एप्लीकेशन हम दे रहे हैं, आपको इसमें क्या समस्या है. कमलनाथ की अब इतनी उम्र हो गई है की उन्हें खुद ही संन्यास ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस में इतनी मारामारी है या दिग्विजय सिंह का इतना डर है कमलनाथ को और सारे लोगों को लगता है कि अगर वो कुर्सी छोड़ देंगे, तो दिग्विजय सिंह दोबारा मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो जाएंगे, या अपने बेटे को मुख्यमंत्री बना देंगे. मुझे तो लगता है इनसे कोई काम नहीं हो पाएगा, इनको राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए."