शहडोल।इस बार कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों ने खूब सारी तैयारियां कर ली है. बाजारों से कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े कपड़े, पूजन सामग्री सभी लोगों ने खरीद कर अपने घरों में रख लिए हैं. ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत का क्या महत्व है और इसके क्या फायदे होते हैं ईटीवी भारत आपको बतायेगा. साथ ही कृष्ण जन्माष्टमी के दिन शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, मटकी फोड़ने का मुहूर्त, इस बात की जानकारी ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ईटीवी भारत के जरिए आपको बताएंगे.(Janmashtami 2022)
जन्माष्टमी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त:ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक शुद्ध वाराणसी पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी, क्योंकि वृंदावन और जहां जहां कृष्ण के बड़े-बड़े मंदिर हैं वहां पर शुक्रवार 19 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाई जा रही है. जन्माष्टमी के दिन नर हो, नारी हो बच्चे हों, बच्चियां हो सभी को प्रातः कालीन स्नान करना चाहिए. व्रत करें और शाम के समय यथा अनुसार कृष्ण जी की झांकी बनाएं और जिनके घर में लड्डू गोपाल है वे उन्हें दूध में शाम को डाल दें. ठीक 12:00 बजे दूध से लड्डू गोपाल को निकाल कर स्नान कराएं, वस्त्र आभूषण पहनाएं, लड्डू का भोग लगाएं, खीर पूरी का भोग लगाएं और इसके बाद आरती करें. इसके बाद अगर आपकी श्रद्धा हो तो गीत गाएं और साथ ही भगवान को खुश करने के लिए भजन कार्यक्रम करें. जन्माष्टमी का जो विशेष मुहूर्त है वे रात्रि में 11:45 से लेकर 1:00 के बीच में भगवान का जन्मोत्सव मनाएं, रात 1:00 बजे के बीच में भगवान का जन्मोत्सव बधाई गीत गाएं और प्रसाद वितरण करें.(Shahdol Astrologer Pandit Sushil Shukla Shastri)
विवाह में आ रही बाधा तो करें ये उपाय:ज्योतिषाचार्य के मुताबिक जो लड़कियां कुमारी हैं और विवाह के योग्य हैं साथ ही विवाह में कोई बाधा आ रही है तो वे लोग राधा कृष्ण की मूर्ति रखकर उनको पहले दूध दही गंगाजल शहद शक्कर से स्नान कराएं, फिर वस्त्र आभूषण पहनाएं और वहां पर बैठकर "ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः" ऐसा मंत्र का जाप करें. थोड़ी सी हल्दी राधा जी के पैरों में लगा दें तो जिनका विवाह योग नहीं बन पा रहा है या देरी हो रही है इस उपाय को करने से तुरंत विवाह योग बनेगा और जल्द से जल्द उनका विवाह हो जाएगा.