शहडोल। कोरोना संक्रमण के कारण पहले ही लोग परेशान हैं अब उनके सामने आर्थिक संकट भी पैदा हो गया है. कोरोना से बचने के लिए जिले में करीब एक महीने से कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है. इस दौरान सभी दुकानें बंद होने के कारण व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है. एक तरफ कोरोना कहर, तो वहीं दूसरी तरफ महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है.
महंगाई ने बढ़ाई लोगों की चिंता पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार उछाल
इन दिनों पेट्रोल के दामों ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाई हैं. पहले ही पेट्रोल और डीजल के दाम ज्यादा थे, लेकिन अब यह बढ़कर 100 के पार हो गया है, जिससे लोगों का बजट बिगड़ा है. वहीं, बात करें डीजल की तो इन दिनों डिजल की कीमत 92 रुपए से ज्यादा है. हर दिन महंगाई को देखते हुए आम लोगों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है.
किचन का भी बिगड़ा बजट
कोरोना काल और कोरोना कर्फ्यू के दौरान पेट्रोल-डीजल से लेकर किचन के सामान तक महंगे हो रहे हैं. महंगाई का यह सिलसिला करीब एक महीने से देखने को मिल रहा है. दुकानदारों ने बताया कि खाने का तेल की कीमत पिछले एक महीने के अंदर ही करीब 20 रुपए बढ़े हैं. वहीं, शक्कर के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है, शक्कर खुदरा रेट में 42 प्रति किलो बिक रहा है, आलू- प्याज के दाम में भी थोड़ी ही सही, लेकिन वृद्धि हुई है. प्याज जहां 20 रुपए किलो बिक रहा है, तो आलू भी 20 रुपए किलो बिक रहा है.
महामारी के बाद महंगाई की मार, आमजन का जीना दुश्वार
महंगाई ने तोड़ी आम जनता की कमर
कोरोना काल में बढ़ती महंगाई को लेकर लोगों का कहना है कि हमारे लिए तो ऐसी स्थिति बन गई है कि मानों इधर दरिया और उधर खाई है. जाएं तो जाएं कहां. महंगाई की मार ने हमारी पूरी जमा पूंजी भी खत्म कर दी है. पहले ही हमारा सारा काम धंधा बंद है, आमदनी बंद है. ऐसे में हमारे सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है. वहीं, दूसरे व्यक्ति का कहना है कि हम कोरोना से बाद में बेरोजगारी और महंगाई से पहले ही मर जाएंगे.