शहडोल।आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि शरद ऋतु में प्राकृतिक रूप से कफ़ का प्रकोप तो होता ही है. इस टाइम पर खुद को ज्यादा ठंड से बचाकर रखना चाहिए. अपने शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेंटीग्रेड होता है और वातावरण का तापमान इस समय खासकर शहडोल रात को 3 से 4 डिग्री तक चला जाता है. कोशिश करें कि अपने आप को गर्म रखें. ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें. ठंडी हवाओं के संपर्क में आने से बचें.
खानपान का ऐसे रखें ख्याल :डॉ. अंकित नामदेव बताते हैं कि ठंड के सीजन को हेल्दी सीजन बोला जाता और हमारे पास खाने के लिए बहुतायत में विकल्प होने चाहिए. ठंड के सीजन में खाने के विकल्प भी कई हैं. लेकिन क्या खाएं और कब खाएं, यह ज्यादा मायने रखता है. जैसे सीताफल को ही ले लीजिए. सीताफल सीजन में बहुत खाते हैं, लेकिन उसे दोपहर में खाएं. अगर शाम को खाएंगे तो सर्दी हो जाएगी. अमरूद भी इसी सीजन में बहुत सारे आते हैं. ताजे फल आते हैं तो उसे दोपहर में खाएं. शाम में खाएंगे तो उसमें भी जुखाम हो जाएगा. केला भी दिन के समय ही खा सकते हैं. रात में ठंडी चीजों से थोड़ा परहेज करना होगा. कोशिश करें कि इस समय जो भी खाएं वो ताजा हो. वातावरण में ठंड के कारण शरीर में भी ठंड बढ़ती है तो कुछ गर्म चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए. सूप, मसालेदार काली मिर्च आदि डालकर टमाटर का सूप पी सकते हैं. टमाटर भी बाजार में इस समय अच्छी क्वालिटी के आ रहे हैं तो उसमें शरीर में गर्मी बनी रहती है.
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स्नान में इन बातों का रखें ख्याल :ठंड में स्नान के लिए गर्म पानी का ही उपयोग करना चाहिए. खासकर ऐसे मरीज जिनको खांसी -जुखाम की पुरानी सर्दी की समस्याएं हैं. उनको अपने शरीर को ज्यादा से ज्यादा गर्म रखने की कोशिश करना चाहिए. स्नान करें तो गर्म पानी से करें और कोशिश करें कि पूरे शरीर को सुखाकर ही बाथरूम से बाहर निकलें. सर्द गर्म करने के बहुत ज्यादा चांसेस होते हैं, जब आप गर्म पानी में नहाते हैं और सीधे ठंडे वातावरण के संपर्क में आ जाते हैं, कोशिश करें कि अपने आपको पूरा सुखाकर ही बाथरूम से बाहर आएं. रात को हाथ-पैर की सिंकाई करके सोएं. शाम को डायरेक्ट फर्स के संपर्क में ना आएं. सॉक्स पहने रहें. स्लीपर पर डालकर रखें. कोशिश करें कि अपने आपको वातावरण के ठंड से बचाकर रखें.