शहडोल। मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्रि के 9 दिन सबसे शुभ माने जाते हैं. नवरात्रि साल में 4 बार मनाई जाती है. 2 बार गुप्त नवरात्रि और 2 बार सामान्य नवरात्रि. इस बार माघ की गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी 2023, रविवार से शुरू होगी और इसका समापन 30 जनवरी 2023 को होगा. आखिर ये नवरात्रि क्यों विशेष होती है, साथ ही नवरात्रि में पूजा करने के क्या फायदे होते हैं, इस सब के बारे में जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से...
साल में गुप्त नवरात्रि कब होते हैं: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, शास्त्रों के अनुसार सालभर में 2 नवरात्रि गुप्त होती है. ये माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को रखी जाती है. जेठ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर 9वीं तिथि तक भी गुप्त नवरात्रि रखी जाती है. वहीं कुमार शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर 9वीं तक यह प्रत्यक्ष नवरात्रि है, इसी प्रकार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर 9वीं तक यह भी प्रत्यक्ष नवरात्रि मानी जाती है. ये गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी से 30 जनवरी तक रहेगी.
गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें पूजा:ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक इस नवरात्रि का नियम है की जो भी जातक इस नवरात्रि में पूजा पाठ करना चाह रहे हैं, वो प्रातः कालीन ब्रह्म मुहूर्त यानी 4 से 6 बजे के बीच में स्नान करें. स्नान करने के बाद एक पटा रखें उसमें लाल कपड़ा बिछाएं, एक लोटा तांबे का हो उसमें फूल, चावल या जल भरकर आम की टेरी डालें और कलश बनाएं. उसमें लाल कपड़े से एक नारियल बांधकर रखें. वहीं पर जो पढ़े लिखे लोग हैं वह दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या पंडित पुरोहितों को बुलवाकर वहां पाठ कराएं. पाठ कराने की व्यवस्था नहीं है तो वहां पर दुर्गा चालीसा करें, आरती करें, भोग लगाएं और क्रमशः 9 दिन तक ऐसा करें, तो पूरा फल मिलता है.
गुप्त नवरात्रि में पूजन के फायदे:ज्योतिषाचार्य के मुताबिक गुप्त नवरात्रि का त्योहार मनाने से घर में शांति मिलती है. माघ के बीच में घर में अगर विकार उत्पन्न हो गया है, अशांति हो गई है तो उसमें शांति मिलती है. धन की बरक्कत होती है. परिवार खुशहाल रहता है और अगर घर में कोई काम रुका हुआ है तो रुके हुए काम बनते हैं.