शहडोल। पिछले कुछ दिन से झमाझम बारिश हो रही है या यूं कहें कि हर दिन थोड़ी बहुत बारिश होती ही जा रही है. आज भी जिले में बारिश का दौर देखने को मिला और मौसम विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक आगे भी दो तीन बार बारिश की संभावना है. वहीं खरीफ सीजन की खेती अपने आखिरी चरण में है, ऐसे में यह बारिश किसानों के लिए कितना सही किन किसानों के लिए यह बारिश खुशियां लेकर आई, तो कैसे कुछ किसानों के लिए गम बनकर आई, इस बारिश का किसानों की खेती पर कितना असर.
अक्टूबर में बरस रहे बदरा
अक्टूबर का महीने में जिले में बारिश का दौर भी जारी है, हालांकि यह बारिश धान की खेती करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद बारिश है, खासकर उन किसानों के लिए जो वर्षा आधारित खेती करते हैं, ऐसे किसानों के लिए तो ये बारिश अमृत वर्षा के समान रही, क्योंकि उन किसानों के धान की फसलों को एक आखरी बार पानी की बहुत जरूरत थी.
जिले में धान के खेती ज्यादा बड़े रकबे में की जाती है या यूं कहें कि यहां की मुख्य खेती धान के फसल की खेती ही है, और यहां के ज्यादातर किसान वर्षा आधारित खेती ही करते हैं.
बारिश, किसानों के चेहरे पर लाई खुशी
इस बारिश के बाद किसानों का साफ कहना है कि यह बारिश उनकी धान की फसल की बहुत बड़ी जरूरत थी, जिसके होने से वो ऊपर वाले का लगातार शुक्रिया भी कर रहे हैं. तो वहीं कुछ किसानों का यह भी कहना है कि इस बारिश ने उड़द और तिल की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है, हालांकि जिले में बहुत बड़े रकबे में उड़द और तिल की खेती नहीं की जाती, लेकिन जिन किसानों ने भी तिल और उड़द की खेती की है, उनमें से कुछ किसानों ने तो कटाई कर ली थी, लेकिन कुछ किसान जिन्होंने देरी से फसलों की कटाई की थी या जिनकी फसलें खलिहान पर ही पड़ी थीं, उनकी फसलों को नुकसान हुआ है.