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Ganesh Chaturthi 2023: गणेश प्रतिमा स्थापना में रखें इन बातों का ख्याल, बरसती रहेगी बप्पा की कृपा, बन रहे विशेष संयोग - गणेश प्रतिमा का महत्व

देशभर में बप्पा के स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. घरों में पूजा स्थलों तो पंडालों को फूल और रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है. आज शाम से बप्पा की प्रतिमा की स्थापना शुरु हो जाएगी. इस बार गणेश चतुर्थी पर विशेष संयोग बन रहे हैं. जानिए बप्पा की कौन सी प्रतिमा की स्थापना से लाभ मिलेगा.

Ganesh Chaturthi 2023
गणेश चतुर्थी 2023

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 4:13 PM IST

गणेश चतुर्थी पर विशेष संयोग

Ganesh Chaturthi 2023।गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ पूरे देश भर में मनाया जाता है. गणेश जी की स्थापना लोग घर-घर में करते हैं. गणेश भगवान की पूजा के लिए बच्चों में जहां घर-घर में उत्साह होता है, तो वहीं बड़ों में भी उत्साह होता है. ऐसे में गणेश जी की प्रतिमा स्थापना करते समय कुछ बातों का ख्याल रखना होता है. अगर इन बातों का ख्याल रखते हैं, तो लाभ ही लाभ होता है. साथ ही उत्तम फल की प्राप्ति भी होती है. अलग-अलग तरह के प्रतिमा की स्थापना का अलग-अलग महत्व होता है. इस बार गणेश चतुर्थी में विशेष योग बन रहा है. इसलिए भी गणेश जी की स्थापना विशेष लाभ देने वाली होगी. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए किस तरह की प्रतिमा स्थापित करें, इस बार जो योग बन रहे हैं, उनका क्या महत्व है.

बन रहा विशेष योग:ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "इस बार गणेश चतुर्थी में बहुत दिनों बाद ऐसा संयोग मिल रहा है कि भादो शुक्ल पक्ष, चतुर्थी, स्वाति नक्षत्र दिन के 12:00 बजे दोपहर अभिजीत मुहूर्त में भगवान गणेश जी का जन्म पार्वती के द्वारा एक मूर्ति बनाई गई थी, उसमें जान डाला गया था, ऐसा अभिजीत मुहूर्त बहुत दिनों बाद मिल रहा है. स्वाति नक्षत्र भी बहुत दिनों बाद मिल रहा है, यह बहुत अच्छा संयोग है.

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि "गणेश चतुर्थी में इस बार एक और बड़ा संयोग बन रहा है. इस बार चार-चार योग एक साथ बन रहे हैं. जैसे राजकेसरी योग बन रहा है. शशि योग बन रहा है. तीसरा अमला योग बन रहा है, चौथा पराक्रम योग बन रहा है. मतलब इस बार जो लोग गणेश जी की पूजा करेंगे. वहां बरकत बढ़ेगी और रुके हुए काम होंगे. धन की वर्षा होगी, घर में शांति होगी, वैवाहिक कार्यक्रम होंगे. घर में मांगलिक वातावरण बना रहेगा. गणेश जी कृपा उस घर में उस व्यक्ति पर बनी रहेगी."

अलग-अलग मूर्ति अलग महत्व:ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि गणेश जी के स्थापना में भी अलग-अलग तरह के मूर्ति का अलग-अलग महत्व होता है. गणेश जी की जिस मूर्ति में सूंड बाईं ओर हो ऐसी प्रतिमा की स्थापना करने से घर में शांति बनती है, समृद्धि आती है. गणेश जी की जिस मूर्ति में सूंड दाहिनी ओर हो, ऐसे गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना करने से चार-चार लाभ मिलते हैं. जैसे घर में शांति मिलती है, बरक्कत होती है, घर में रिद्धि सिद्धि का वास होता है और उस घर में नए कार्य की संभावना बनती है. जिससे वह घर बहुत खुशहाल रहता है.

शास्त्र में वर्णित है कि गणेश जी की जो मूर्ति होती है. उसमें दो भुजा भी होते हैं. चार भुजा भी होते हैं. जो दो भुजा वाली मूर्ति होती है, उसका अलग महत्व होता है. चारभुजा वाली मूर्ति स्थापित करने के अलग ही महत्व होते हैं. अगर चार भुजा वाले गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते हैं, तो चारों धाम के बराबर पुण्य मिलता है. चार धाम की यात्रा कर लें, या फिर चार भुजा वाले गणेश जी की स्थापना कर लें. 10 दिन उनकी पूजा पाठ कर लें तो उतना ही पुण्य मिलता है. घर में बरक्कत आती है और उस घर का विकास होता है.

गणेश जी की मूर्ति अगर दो भुजा वाली है. उसमें एक हाथ में गदा रखे हुए हैं, एक हाथ में कमल का फूल रखे हुए हैं. तो इस तरह की मूर्ति को स्थापित करने से घर में बरक्कत होती है. शांति मिलती है. हर बिगड़े कार्य बनते हैं. किसी तरह का लड़ाई झगड़ा नहीं होता है. क्लेश नहीं होता है. हर तरह से शांति रहती है. तनाव का वातावरण नहीं होता.

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वैसे तो हर तरह की गणेश प्रतिमा कहीं भी स्थापित कर सकते हैं, लेकिन अगर विशेष पुण्य लाभ चाहिए तो गणेश प्रतिमा कई लोग घरों में भी स्थापित करते हैं. कई लोग पंडाल में करते हैं तो कोई मोहल्ले में करते हैं. घरों में जो गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है. उसके लिए शास्त्रों में लिखा है कि 1 फुट से 2 फुट तक की मूर्ति लाकर ही स्थापित करें तो विशेष लाभ मिलता है, तो वहीं दो फीट से ज्यादा की मूर्ति अगर है, तो उसे पंडाल में या फिर मोहल्ले में झांकी सजाकर स्थापित करें तो उसका विशेष पुण्य लाभ मिलता है. इस तरह से मूर्ति लाएं और मूर्ति को लाने के बाद जिस तरह से शुभ मुहूर्त बनाए गए हैं. मतलब चतुर्थी तिथि के अंदर ही गणेश जी की स्थापना कर दें.

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