शहडोल। विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर बीजेपी के विधायक ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है. बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी के बाद रीवा के मऊगंज से विधायक रहे लक्ष्मण तिवारी ने भी मांग करते हुए अपनी ही सरकार को घेरने की कोशिश की है. लक्ष्मण तिवारी का कहना है कि एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा प्रदेश सरकार के खजाने में जाता है. विकास के लिए टैक्स हम दे रहे है और यह विकास चलता है श्योपुर, मुरैना से होते ग्वालियर पहुंचता है, उसके बाद इंदौर और फिर भोपाल पहुंता है.
'विंध्य में नहीं है अच्छे एजुकेशन की सुविधा'
पूर्व बीजेपी विधायक लक्ष्मण तिवारी का कहना है कि हमारे विंध्य में अकूत तादात में वन संपदा है, खनिज संपदा है. 56 प्रकार के भोग है, जो देवी-देवताओं पर चढ़ता है. उसका उत्पादन हमारे विंध्य में है. विंध्य की बिजली से मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि दिल्ली का मेट्रो ट्रेन भी चलता है. विंध्य से मध्य प्रदेश का 33 परसेंट रेवेन्यू जा रहा. तब मध्य प्रदेश की सरकार चल रही हैं. हमारे यहां कोयले का अकूत भंडार है. सिंगरौली से लेकर शहडोल और अमरकंटक तक हमारे पास सबकुछ है. यहां औद्योगिक इकाइयां हैं. बावजूद विंध्य विकास में पिछड़ा हैं. हम अपना विन्ध्य इसलिए भी मांग रहे हैं क्योंकि इतना सब होने के बाद भी अच्छे एजुकेशन के लिए जो साधन चाहिये वो यहां नहीं है. अगर पैसे से कोई कैपेबल आदमी है तो अपने बच्चों को इंदौर, कोटा और भोपाल भेजकर अपने बच्चें को पढ़ा रहा है.
'विकास के लिए टैक्स हम देते है'