शहडोल।वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भारत की 'भयानक' स्थिति बनी हुई है. देश में पहले कोरोना संक्रमण के प्रभाव शहरों में ही अधिक देखने को मिल रहा था, लेकिन अब यह देश के ग्रामीण इलाकों को भी अपनी जद में ले चुका है. कोरोना संक्रमण ने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के कई गांवों में हाहाकार मचा दिया है. गांवों में कोरोना संक्रमण के डर से सन्नाटा छाया हुआ है, गांवों के लोग अब मास्क लगाए नजर आ रहे हैं.
कोरोना की गांवों में दस्तक एमपी का शहडोल आदिवासी बाहुल्य जिला है और यहां भी कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. जिले के कई गांव ऐसे हैं जहां कोरोना के रोजाना मरीज मिल रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना की एंट्री जिले के सैकड़ों गावों में हो चुकी है. इलाके के गई गांवों के ग्रामीणों ने जागरुकता दिखाते हुए कोरोना के लक्षण दिखने पर अपनी जांच करवाई थी, जिससे यहां के गांवों में कोरोना संक्रमण फैलने का पता लग पाया था. वहीं, इलाके के कई ऐसे गांव भी हैं, जहां के लोग बीमार तो हैं, पर वह अपनी जांच नहीं करवा रहे हैं.
- कोरोना से ग्रामीणों की मौत
युवा समाजसेवी और शहडोल के सिंहपुर गांव के रहने वाले अमरेंद्र तिवारी बताते हैं कि इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में भी भारी तादाद में सैकड़ों की संख्या में कोरोना के मरीज हैं. लोगों में कोरोना का खौफ देखा जा सकता है. अमरेंद्र तिवारी कहते हैं कि उनके गांव में ही देखा जाए तो सैकड़ों की संख्या में लोग संक्रमित हो चुके हैं, छोटा सा गांव है जहां 5 लोगों की इस कोरोना वायरस से मौत भी हो चुकी है. जिसके चलते हर व्यक्ति के मन में दहशत है. जिसको हल्का बुखार भी आ रहा है तो उसको लगता है कि उसे भी कहीं कोरोना वायरस तो नहीं हो गया. बकौल अमरेंद्र, दूसरी लहर बहुत ही भयावह है और अब ये लोगों के मन में काफी ज्यादा खौफ पैदा कर चुका है.
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- तेजी से फैल रहा गांवों में कोरोना
समाज सेवी और ग्रामीण शिवनारायण द्विवेदी गांव में कोरोना संक्रमण के कहर के बारे में बताते हुए कहते हैं कि अब लगभग हर गांव में लोग संक्रमित हो रहे हैं, जो अपनी जांच करा रहे हैं वह तो ठीक है, लेकिन जो बिना जांच कराए टाइफाइड, निमोनिया के बहाने से बैठे हुए हैं वो अलग है. ऐसा कोई गांव नहीं बचा है जहां कोरोना का डर देखने को न मिला हो. शिवनारायण ने आगे कहा कि कोरोना के पहली लहर में यह सब समझ नहीं आया क्योंकि संपूर्ण लॉकडाउन था. सारी चीजें संभलती गईं, गांव तक कोरोना वायरस की एंट्री नहीं हुई, लेकिन दूसरी लहर इतनी भयावह है कि हर गांव में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है.
- सैंकड़ों गांवों में कोरोना के केस
कोविड-19 के जिला नोडल अधिकारी अंशुमन सुनारे बताते हैं कि कोरोना वायरस पिछले साल जिले ग्रामीण इलाकों तक नहीं पहुंचा था, जिसके बाद कोरोना कंट्रोल हो गया था. इस बार भी शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन की व्यवस्था काफी अच्छी है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस गांव की ओर बढ़ गया है जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों के अलावा गांव में भी हमने काफी अच्छा वैक्सीनेशन का काम किया है, हमारे जिले के काफी गांव ऐसे हैं जो संक्रमित हो गए हैं जैसे ब्यौहारी ब्लॉक में 32 गांव, सोहागपुर ब्लॉक में 32 गांव, जयसिंहनगर ब्लॉक में 40 गांव, वर्तमान में गोहपारू ब्लॉक में 34 ग़ांव और जिले के बुढार ब्लॉक में 28 गांव में संक्रमण फैला है. इन गांवो में 7 -8 केस रोजाना मिल रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के ग्रामीण भारत तक पहुंचना बड़ी चिंता का विषय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इससे पहले कहा था कि हमें ग्रामीण भारत को कोरोना से बचाना होगा. कोरोना संक्रमण के कारण शहरों के अस्पतालों की हालात देखकर अब हर किसी को गांवों में फैल रहे संक्रमण की चिंता है, गांवों में शहरों की तरह अस्पताल नहीं है, लोगों के पास आवाजाही से साधन नहीं है, जिससे आने वाले समय में यह और अधिक समस्या खड़ी कर सकता है.