शहडोल। जिले में बदलते मौसम के इस मिजाज़ ने लोगों की परेशानी तो बढ़ाई ही है, साथ ही किसानों की भी दिक्कतें बढ़ा दी हैं. कभी बारिश, कभी ठंडी कभी गर्मी, एक सा टेम्परेचर नहीं रह रहा है, जिससे किसान मुश्किल में हैं, क्योंकि इस मौसम ने अरहर की फसल को तो बर्बाद कर ही दिया, साथ ही सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भी परेशानी में डाल दिया है.
इस मौसम में सब्जी की खेती पर भी बुरा असर पड़ रहा है. हम सब्जी की खेती करने वाले एक ऐसे किसान के खेत में पहुंचे, जो कई एकड़ में पिछले कई साल से सब्जी की खेती अलग अलग तरीके से कर रहे हैं, एक तरह से कहा जाए तो शहडोल सब्जी बाज़ार में सबसे ज्यादा सब्जी अगर किसी की खेत से निकलकर आती है तो वो इनके खेतों से ही आती है. इन किसानों से ही जानिए इस मौसम में सब्जी की फसलों का क्या है हाल..
इस मौसम ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल
कई एकड़ में बड़े स्तर पर पिछले कई साल से सब्जी की खेती करने वाले किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस समय हर दिन मौसम में बदलाव हो रहा है, पहले बारिश, फिर कोहरा, तो जितने फूल वाली सब्जियां हैं उनसे पूरे फूल खत्म हो गए. फिर से टमाटर, चना में फूल और फल लाने के लिए रासायनिक दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ता है, तब जाकर फली लगना और फूल आना शुरू होता है.
दवाईयों का इस्तेमाल जरूरी, लेकिन अभी सम्भव नहीं
किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस मौसम में फसलों में रासायनिक दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ता है. फंगीसाइड देना पड़ता है. अगर फंगइसाइड नहीं दिए गए, तो पत्ती में जलन करने वाला फंगस आ जाएगा और फसल से फंगस हटाने के लिए महंगी से महंगी रासायनिक दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ता है. ऐसा नहीं करने पर फंगस नहीं जाएंगे और पेड़ तो डण्डे की तर्ज पर खड़े रह जाएंगे, लेकिन फल्ली एक भी नहीं आएगी.
किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस मौसम में रासायनिक दवाई का इस्तेमाल भी संभव नहीं, क्योंकि मौसम खुल नहीं रहा. 3 से 4 दिन में लगातार मौसम बदल रहा है. अगर फूलों के लिए दवाई डालते भी हैं तो फिर मौसम खराब होगा और वो झड़ जाएंगे, ऐसे में फिर दवाई डालनी पड़ेगी. जबतक एक समान टेम्परेचर नहीं होगा, फसल के लिए और किसानों के लिए मुश्किल की घड़ी है.
सब्जियां तो बहुत लगी हैं मौसम तो खुले
किसान शीतेश जींवन पटेल अभी अपने खतों में टमाटर, कलिंदर, खरबूज , लगाए हैं और खीरा लगाने जा रहे हैं चना भी लगा है टमाटर भी लगा है, फसलों से फूल खत्म हो गया है और उनको मौसम खुलने का इंतज़ार है किसान कहते हैं मौसम खुले तो दवाई डालें। लेकिन हर 3 से 4 दिन में बदलते मौसम ने परेशानी बढ़ा दी है।