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लॉकडाउन के बीच प्रकृति का वार, अब डीजल की मार से किसान लाचार

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Published : Jul 3, 2020, 4:27 PM IST

पहले ही कोरोना काल में लॉकडाउन और इस साल असमय हुई बारिश, ओलावृष्टि से किसान परेशान हैं, किसान पर आर्थिक मार पड़ी और अब खरीफ के सीजन में खेती के समय में डीजल के बढ़े हुए दाम ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. कुल मिलाकर इस बार अन्नदाता पर चौतरफा मार पड़ी है.

Diesel prices impact farmers
डीजल के दामों का किसान पर असर

शहडोल। एक ओर पीएम मोदी अपनी चुनावी रैलियों में कहते हैं कि खेती को लाभ का धंधा बनाना है, लेकिन मौजूदा समय में डीजल के बढ़े हुए दाम, खेती में बढ़ रही लागत और महंगाई की मार देखकर ऐसा लग तो नहीं रहा है कि सरकार किसानों के फायदे को लेकर सोच भी रही है. मौजूदा समय में जिले में खरीफ के सीजन की खेती के लिए पीक समय है. हर ओर जुताई-बुवाई का काम शुरू है और इसी समय डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में खेती की लागत बढ़नी तो तय है. किसानों पर खेती में आर्थिक मार पड़नी तय है, जिसे लेकर किसान अब चिंतित हैं कि सरकार करना क्या चाह रही है, पहले ही किसान कोरोना काल में टूट चुका है, आर्थिक मार झेल चुका है और अब खरीफ के सीजन में डीजल के बढ़े हुए दामों को लेकर आर्थिक मार को झेलना अन्नदाता के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है.

डीजल के दाम बढ़ने से किसान परेशान हैं

लेकिन कहते हैं न कि अन्नदाता का दिल बहुत बड़ा होता है और वो जल्द ही इन सब को भुलाकर अपने नए काम में लग जाता है, लेकिन आपदा की वजह से पड़ी मार के बाद अगर सरकार भी किसानों पर दोहरी मार दे दे, तो फिर किसान इसे कैसे झेल पाएगा. किसानों के साथ इस समय कुछ ऐसा ही हुआ है.

बढ़े डीजल दामों ने खेती का खर्च बढ़ा दिया है

डीजल के दाम बढ़ने से अन्नदाता परेशान हैं. वजह है खरीफ के सीजन की खेती का ये पीक समय है, जिले में किसान खेतों की जुताई-बुवाई में लगा है लेकिन अब डीजल के दाम भी इसी समय इतने ज्यादा बढ गए हैं कि जुताई महंगी हो गई, ढुलाई महंगी हो गई, मशीन से होने वाले सारे काम महंगे हो गए. जाहिर है खेती में लागत भी बढ़ जाएगी.

अब मशीनरी से ज्यादा खेती

बदलते वक्त के साथ बहुत कुछ बदला है. पहले किसान बैलों के सहारे खेतों की जुताई करते थे, बैल गाड़ी के सहारे खाद बीज की ढुलाई कर लेता था, लेकिन अब धीरे धीरे बदलते वक्त के साथ अब इसकी जगह मशीनरी लेती गई और अब ज्यादातर किसान ट्रैक्टर और दूसरी मशीनों से खेती करने लगे. ऐसे में मेन खरीफ के सीजन में खेती के समय ही डीजल के बढ़े हुए दामों ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी हैं.

डीजल के दाम बढ़ने से किसान वापस बैलों से खेती कर रहे हैं

हल और बैल की ओर बढ़ रहा रुझान

डीजल के बढ़ते दाम और महंगाई की मार को देखते हुए अब कई छोटे गरीब किसान जो इस आर्थिक मार को नहीं झेल पा रहे, वो अब बैल और हल से खेतों की जुताई बुवाई में लग चुके हैं. उनका साफ कहना है कि उनके पास इतना पैसा ही नहीं है कि वो ट्रैक्टर से खेतों की जुताई कर सकें. डीजल के इस कदर हर दिन बढ़ते दाम के बाद अब बैल और हल से जुताई वालों की संख्या फिर से बढ़ी है.

महंगी हुई जुताई किसानों को समझाना मुश्किल

ईटीवी भारत ने ट्रैक्टर मालिकों से बात की और हर किसी का यही कहना है कि डीजल के दाम बढ़ेंगे तो जुताई का चार्ज बढ़ाना मजबूरी है. क्योंकि फिर हम घाटे में जाएंगे और हमें भी तो ट्रैक्टर की किस्त चुकता करनी है, उसका मेंटिनेंस करना है, ड्राइवर को सैलेरी भी उसी में देना है. डीजल के बढ़े दाम से मुश्किल तो हमें भी हो रही है. लेकिन इस समय किसानों को समझाना भी मुश्किल हो रहा है, वो समझ ही नहीं रहे हैं. काम करा लें रहे फिर कह रहे पैसा ही नहीं, उधारी करना पड़ जाता है, तो मुश्किल काम तो है ही न.

लाखों का पड़ सकता है अतिरिक्त भार

शहडोल में खरीफ के सीजन की खेती ज्यादा तादाद में की जाती है. बहुत बड़े रकबे में खरीफ के सीजन की खेती की जाती है, जिले में खरीफ के सीजन में धान की खेती ज्यादा रकबे में होती है, इसके अलावा मक्का, ज्वार, कोदो-कुटकी, उड़द, मूंग, अरहर, तिल, रामतिल, मूंगफली, सोयाबीन, की खेती भी बडे पैमाने पर की जाती है.

एक तरह से देखा जाए तो जिले में इस बार खरीफ के बोनी का रकबा 1 लाख 60 हजार हेक्टेयर से अधिक का है, ज्यादातर खेती ट्रैक्टर से की जाती है और शुरूआत में बुवाई से पहले खेतों को तीन से चार बार अलग अलग तरीके से जुताई की जाति है. मतलब एक एकड़ में औसतन 15 से 20 लीटर डीजल की खपत होती है. इस लिहाज से पौने दो लाख हेक्टेयर रकबे में अगर ट्रैक्टर का इस्तेमाल हुआ तो ये लगभग 35 से 40 लाख रूपए का अतिरिक्त भार किसानों को पड़ने वाला है.

हर दिन बढ़ रहे दाम

डीजल के दाम हर दिन बढ़ रहे हैं, जून के महीने में ही सिर्फ नजर डालें तो लगभग 12 रूपये की बढ़ोत्तरी देखने को मिली. जो बहुत ज्यादा है अभी डीजल के दाम 81.68 पैसे हैं.

शहडोल में डीजल के दाम-

तारीख दाम
रूपए पैसे
7 जून 70 64
8जून 70 19
9 जून 71 74
10 जून 72 17
11 जून 72 74
12 जून 73 31
13 जून 74 90
14 जून 75 51
15 जून 76 07
16 जून 76 62
17 जून 77 19
18 जून 77 80
19 जून 78 41
20 जून 78 99
21जून 79 56
22 जून 80 12
23 जून 80 64
24 जून 80 10
25 जून 81 23
26 जून 81 35
27 जून 81 55
28 जून 81 55
29 जून 81 68

इसके बाद अभी 2 जुलाई तक डीजल के दाम लगभग 81 रुपये बने हुए हैं.

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