शहडोल। सोहागपुर ब्लॉक के करीब 25 से 30 गांव ऐसे हैं, जहां सोयाबीन की खेती लंबे समय से की जा रही है. इसी फसल से इन गांवों के कई किसान समृद्ध हुए हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से इस फसल से इन किसानों को नुकसान हो रहा है. कहीं फसल में कीट लग जाते हैं तो कहीं असमय बारिश उनके उम्मीदों को बहा ले जाती है.
पिछले कुछ सालों से सोयाबीन की फसल लगाने वाले किसान बहुत परेशान हैं. कुछ किसानों ने तो सोयाबीन की खेती ही छोड़ दी है तो कुछ किसान फसल तो लगा रहे हैं लेकिन नुकसान झेल रहे हैं. सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह ने सलाह दी है कि जब तक 4 इंच बारिश न हो जाये, तब तक सोयाबीन की फसल बिल्कुल भी न लगाएं.
ऐसे करेंगे खेती तो नहीं होगा नुकसान
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि यहां किसान जब से सोयाबीन की खेती किए हैं. तब से लगातार उसी फसल को लगाते जा रहे हैं. ऐसे में किसान अपने खेतों में क्रॉप रोटेशन भी करें, जो बेसिक फंण्डामेंटल भी है. इसके अलावा यहां के किसान अभी भी छिटकवा पद्धति से बीज खेतों में डालते हैं, जिसे बदलने की जरूरत है क्योंकि समय बदला है तो चीजें भी बदली हैं, पहले शुरुआत में क्षेत्र में नई फसल थी तो इतने ज्यादा कीड़े-मकोड़े, रोग-व्याधि नहीं थे. तब किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता था.