शहडोल। जिले में चने की खेती करने वाले किसानों के चहरे पर बेमौसम बारिश और ओला की मार अब फसल कटाई के समय साफ नज़र आ रही है. किसान इस हद तक सोचने को मजबूर है कि, खराब फसल को वो खेतों से कटाई करे या नहीं. शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 25 से 30 किलोमीटर दूर छीरपानी गांव है. जहां उत्तम सिंह नाम के किसान ने करीब 16 एकड़ जमीन में चने की फसल लगाई थी, इस उम्मीद के साथ कि इस बार बम्पर उत्पादन होगा, लाखों में कमाई होगी, लेकिन इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते चने की खेती पूरी तरह बर्बाद हो गई. अब आलम ये है कि चने की फसल में दाना ही नहीं, किसान इस पसोपेश में हैं कि, वो चने की खेती की कटाई कराए या न कराए. क्योंकि लागत निकलनी भी मुश्किल नज़र आ रहा.
16 एकड़ में किसान ने लगाई चने की फसल, अब लागत भी निकलना हुआ मुश्किल - hailstorm harvesting
शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 25 से 30 किलोमीटर दूर छीरपानी गांव है. जहां उत्तम सिंह नाम के किसान ने करीब 16 एकड़ जमीन में सिर्फ चने की फसल लगाई थी, इस उम्मीद के साथ कि, इस बार बम्पर उत्पादन होगा. लेकिन इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते चने की खेती पूरी तरह बर्बाद हो गई.अब कटाई में लागत भी मिलना भी मुश्किल है.
किसान उत्तम सिंह कहा कि, लगभग 16 एकड़ जमीन में उन्होंने चने की फसल इस बार बुवाई की थी, इस उम्मीद के साथ कि फसल अच्छी होने पर कमाई भी अच्छी हो जाएगी, लेकिन उम्मीदों पर पानी फिर गया, फसल की कटाई में लागत भी निकलनी मुश्किल है. अगर कटाई कराई भी जाएगी भी तो पैसे जेब से लगेंगे. ओला और बेमौसम बारिश की वजह से चने में एक भी दाना नहीं लगा. ओला और बारिश हर हफ्ते गिरने के वजह से फसल खराब हो गई.
उत्तम सिंह ने कहा कि, चना पूरे 16 एकड़ में लगा हुआ है. करीब साढ़े 5 लाख के आसपास का नुकसान हुआ है, अगर कुदरत की मार न होती तो, ये लगभग 100 क्विटल के आसपास पूरा उपज होता. उन्होंने कहा कि, फसल नुकसानी को लेकर कलेक्टर को भी उनके आफिस में जाकर बता चुके हैं, चना भी लेजाकर उन्होंने दिखाया. कलेक्टर ने कहा है कि, सर्वे कराया जाएगा. अभी तक उन्हें पैसा नहीं मिला है.