शहडोल- 3 दिसंबर को प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला होना भी शुरू हो जाएगा. इस बार विधानसभा के चुनाव काफी दिलचस्प हैं. शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है और यहां पर भी दिलचस्प मुकाबले देखे जा रहे हैं. शहडोल जिले में पिछले चुनाव में तीनों सीटों पर भाजपा ने बाजी मारी थी. क्या इस बार कांग्रेस यहां अपना खाता खोल पाएगी? इस पर सबकी नजर रहेगी, फिलहाल इस बार बीजेपी कांग्रेस दोनों के बीच इन सीटों पर कांटे की टक्कर है.
बीजेपी-कांग्रेस के बीच है मुकाबला:शहडोल जिले में तीन विधानसभा सीट आती हैं. तीनों ही विधानसभा सीट आदिवासी आरक्षित सीट हैं. शहडोल जिले में जयसिंहनगर विधानसभा सीट जैतपुर विधानसभा सीट और ब्यौहारी विधानसभा सीट हैं. तीनों सीटों पर इस बार दिलचस्प मुकाबला है. वैसे शहडोल जिले में बीजेपी कांग्रेस के बीच ही सीधी टक्कर देखने को मिलती है. हर बार की तरह इस बार भी बीजेपी कांग्रेस के बीच ही घमासान है.
2018 में कांग्रेस का नहीं खुला था खाता:2018 के चुनाव की बात करें तो शहडोल जिले की तीन विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने ने जहां तीनों विधानसभा सीटों में जीत हासिल की थी. तो वहीं कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका था. ऐसे में इस बार सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि क्या शहडोल जिले में जो कि तीनों ही आदिवासी आरक्षित सीट हैं. यहां पर कांग्रेस अपना खाता खोल पाएगी.
2018 के चुनाव में शहडोल जिले से जयसिंहनगर विधानसभा सीट से जय सिंह मरावी ने जीत हासिल की थी. जैतपुर विधानसभा सीट से मनीषा सिंह पहली बार विधायक चुनकर आई थीं. ब्यौहारी विधानसभा सीट से शरद कोल पहली बार विधायक चुनकर आए थे.
जयसिंहनगर विधानसभा सीट:जयसिंहनगर विधानसभा सीट की बात करें तो इस बार जयसिंहनगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने जैतपुर विधानसभा सीट की विधायक मनीषा सिंह को प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं कांग्रेस की ओर से नरेंद्र मरावी को प्रत्याशी बनाया गया. हालांकि, जयसिंहनगर विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है. बीजेपी की महिला आदिवासी नेता फूलवती सिंह नाराज होकर विन्ध्य जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं, तो वहीं भाजपा के ही बागी प्रत्याशी ललन सिंह भी निर्दलीय ही चुनावी मैदान पर हैं.
कुल मिलाकर यहां रोचक मुकाबला है, हालांकि मनीषा सिंह को जय सिंह नगर से टिकट देने पर बाहरी प्रत्याशी के तौर पर कुछ लोगों ने विरोध भी जताया है. साथ ही भाजपा खेमे में ही असंतोष भी नजर आया है. ऐसे में इस बार जयसिंहनगर विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है.
जैतपुर विधानसभा सीट:जैतपुर विधानसभा सीट की बात करें तो जैतपुर विधानसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अपने सबसे मजबूत जिताऊ उम्मीदवार जय सिंह मरावी को जैतपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है. तो वहीं कांग्रेस ने उमा धुर्वे को टिकट दिया है. उमा धुर्वे 2018 के चुनाव में भी जैतपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी थी. जहां उन्हें मनीषा सिंह ने हराया था, और इस बार भी उमा धुर्वे को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है. इस बार उमा धुर्वे के सामने बीजेपी के जय सिंह मरावी जैसे धाकड़ आदिवासी नेता की चुनौती है.