शहडोल।इस दौड़ भाग भरी जिंदगी में पहिए शख्स को आगे पहुंचाने का एक अहम जरिया बन चुके हैं. चाहे कोई जल्द से जल्द सामान का आयात-निर्यात हो या खुद किसी आपातकालीन स्थिति में यहां से वहां जाना हो, गाड़ी बड़ी मददगार साबित होती है. लेकिन बिना पेट्रोल-डीजल के इन गाड़ियों को चलाना भी तो संभव नहीं है. लॉकडाउन के दौरान सभी आवाजाही पर रोक थी, अब अनलॉक तो हुआ है लेकिन अब भी पहिए थमे हुए हैं. लॉकडाउन ने पहले ही आर्थिक मार दी, उसके बाद अब रोजाना पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने आम आदमी की जेब पर ऐसा असर डाला है कि उसकी रोजमर्रा की जिंदगी ही नहीं बल्कि मासिक बजट पर भी असर पड़ रहा है. अगर वक्त रहते ये दाम काबू में नही आए तो समाज का हर तबका महंगे पेट्रोल-डीजल की मार झेलने को मजबूर होगा.
पेट्रोल-डीजल के दाम इन दिनों रोजाना बढ़ रहे हैं. आलम ये है कि शहड़ोल में पेट्रोल 89.66 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है. वहीं डीजल भी 81.37 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है. बता दें, पिछले 15 दिनों में डीजल के दामों में काफी तेजी से उछाल आया है जो कि अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं पेट्रोल-डीजल के दाम इतने बढ़ रहे हैं कि अब इन दोनों के दामों ज्यादा अंतर ही नहीं बचा है.
पहले लॉकडाउन अब पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि पहले ही उनके पास कोरोनाकाल में लॉकडाउन की वजह से पैसे नहीं है और अब जब धीरे-धीरे जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, तो इस तरह की मार पड़ रही है. वहीं प्राइवेट कंपनी में कामकाजी लोगों का कहना है कि सैलरी में पहले ही कटौती हो चुकी है और पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से बजट पर असर पड़ने लगा है.
टैक्सी चालक कहते हैं कि डीजल के दाम बढ़ने से मुश्किल हो रही है. पहले ही कोरोनाकाल की वजह से कम सवारी बिठाना है, गाड़ी में भी सोशल डिस्टेंस मेनटेन करना है. ऊपर से डीजल इतना महंगा. अब तो सड़कों पर गाड़ी दौड़ाना मुश्किल साबित हो रहा है, जिसका असर हमारी रोजी-रोटी पर भी होगा.
ठगा सा महसूस हो रहा