शहडोल।देश में लगातार कोरोना का कहर जारी है और इससे बचाव के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. वहीं लॉकडाउन के कारण जहां बड़े कारोबार में मंदी आई है तो कई छोटे मोटे धंधे तो बंद हा पड़ गए है. जिससे चाट फुल्की, कारपेंटिंग, वर्फ गोला जैसे चीजों से रोजी कमाने वालों के सामने पेट के लिए संकट आ खड़ा हुआ है. इसी कारण कोरोना काल में बहुत कुछ बदलता नजर आ रहा है. शहडोल में तो लोगों ने अपनी रोजी का साधन बदल दिया. चाट फुल्की, गन्ना का व्यापार करने वाले फल का व्यापार करने लगे तो लकड़ी से करीगरी करने वाले घूम-घूम कर सब्जी बेचने लगा. सभी ने यही कहा क्या करें साहब इतने दिन बैठ लिए अब रोटी का सवाल है.
लॉकडाउन में बदल गया काम
कोई फल बेंच रहा, कोई सब्जी बेच रहा, कोई साइकिल में रखकर किराने का सामान बेचने लगा, और सभी का बस एक ही कहना क्या करें साहब रोटी का सवाल है. खर्चा कैसे चलाएं, हम रोज कमाने खाने वाले हैं. घर कैसे चले. इस कोरोना काल में बहुत कुछ बदलाव देखने को मिला, लॉकडाउन हुआ तो प्रदूषण का स्तर कम हो गया, प्रकृति फिर से खिलखिला उठी, तो दूसरी ओर इस लॉकडाउन ने कई लोगों के जिदगी जीने का तरीका बदल दिया, तो किसी के काम करने का स्टाइल ही बदल गया, कोई अपना प्रोफेशन ही बदल लिया तो कोई व्यापार ही बदल लिया.