मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

शहडोल: जिला अस्पताल के डॉक्टर्स पहुंचे कलेक्ट्रेट, अधिकारियों को प्रभार देने के लिए सौंपा ज्ञापन

मंत्री प्रभुराम चौधरी के शहडोल दौरे के बाद हुई सीएमएचओ डॉक्टर राजेश पांडे और सिविल सर्जन वीएस बारिया को हटाने की कार्रवाई के विरोध में जिला अस्पताल के डॉक्टर्स भी आ गए हैं.

Opposition to action in Shahdol district hospital
शहडोल में हुई कार्रवाई का विरोध

By

Published : Dec 9, 2020, 9:50 PM IST

शहडोल।कुशाभाऊ ठाकरे अस्पताल में हुई बच्चों की मौत और उसपर चल रही राजनीति के बाद मंत्री प्रभुराम चौधरी का दौरा और उसके बाद हुई सीएमएचओ डॉक्टर राजेश पांडे और सिविल सर्जन वीएस बारिया को हटाने की कार्रवाई पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं अब जिला अस्पताल के अन्य डॉक्टर भी सिविल सर्जन के हटाने का विरोध करने लगे हैं. बुधवार को सिविल सर्जन को न हटाने के लिए मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव के नाम कलेक्टर और कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा.

शहडोल में हुई कार्रवाई का विरोध

ऐसी कार्रवाई डॉक्टर हो रहे हैं हतोत्साहित

डॉक्टर्स का कहना है कि पहले ही जिला चिकित्सालय में डॉक्टर्स की कमी है. अगर सबकुछ व्यवस्था बनाने के लिए किया जा रहा है, जो व्यवस्थाएं चल रही हैं. उसे और क्यों बिगाड़ा जा रहा है.जब अस्पताल को क्लीन चिट दे दिया गया है, तो फिर ये कार्रवाई क्यों. ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि जो अधिकारी जिस प्रभार में काम कर रहे हैं उन्हें न हटाया जाए. इससे डॉक्टर्स हतोत्साहित हो रहे हैं.

अधिकारियों को पुराना प्रभार देने की मांग

डॉक्टर्स का कहना है कि सीएमएचओ और सिविल सर्जन को हटाना अनुचित है. अगर पहले ही ये सब फैसले करते तो हम समझ लेते कि ये उपयुक्त है. लेकिन जब सारी जांच में सब को क्लीन चिट मिल गई तो यह कार्रवाई सही नहीं हैं. डॉक्टर्स ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि जिन अधिकारियों को हटाया जा रहा है उन्हें उनकी जगह पर उसी प्रभार पर रखा जाए.

ये भी पढ़े- शहडोल: सवालों के घेरे में मंत्री के निर्देश, क्लीन चिट के बाद कार्रवाई क्यों

क्लीन चिट के बाद दिए हटाने के निर्देश

बता दें बच्चों की मौत के बाद प्रदेश में मचे हड़कंप के बाद स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने जिला अस्पताल का दौरा किया था. अस्पताल के निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने पहले तो अस्पताल, बच्चों के इलाज और डॉक्टर्स को क्लीन चिट दी थी. लेकिन जाते जाते उन्होंने सिविल सर्जन और सीएमएचओ को हटाने के निर्देश दे दिये थे.

बता दें शहडोल के जिला अस्पताल में 26 नवंबर से लेकर अब तक 111 बच्चे भर्ती हो चुके हैं। जिनमें से अब तक 18 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस अस्पताल में बीते 8 महीनों में 362 बच्चों की मौत हो चुकी है। जिला अस्पताल में औसतन रोज 1 बच्चे की मौत हो रही है। अस्पताल नर्सों के भरोसे जिले कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर के भरोसे चल रहा है। अस्पताल कुल 7 सीएचए हैं और इनमें से एक विशेषज्ञ नहीं है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details