शहडोल। सावन के इस पावन महीने में हम लगातार शिव के दर्शन करा रहे हैं, अलग-अलग जगहों पर विराजे शिवलिंगों के बारे में बता रहे हैं. इस बार ईटीवी भारत पहुंचा शहडोल में ही स्थित कलचुरी कालीन विराट शिव मंदिर में, जहां पहुंचते ही अद्भुत शांति का अहसास होता है, मनमोहक नक्काशी की सजावट से बना ये मंदिर अनायास ही लोगों का मन मोह लेता है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में विराजे बालस्वरूप में भगवान भोलेनाथ से जो भी मन्नत मांगते हैं वो पूरी जरूर होती है. बस मन्नत सच्चे मन से पूरी आस्था और श्रद्धा भक्ति के साथ मांगी जाए.
Sawan 2020: अर्थ, काम के बाद मोक्ष का रास्ता बताता है ये विराटेश्वर मंदिर - ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री
शहडोल स्थित कलचुरी कालीन विराट शिव मंदिर में पहुंचते ही अद्भुत शांति का अहसास होता है, इंसान के जीवन में अर्थ और काम के बाद मोक्ष का रास्ता बताता ये मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्व रखता है.
पौराणिक मान्यता है कि विराटेश्वर मंदिर में विराजे शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं, क्योंकि इस मंदिर का निर्माण ही कुछ इस तरह से करवाया गया था. जहां मंदिर की दीवारों से लेकर गुंबद तक पर बने चित्र इंसान को धर्म, अर्थ और काम के बाद मोक्ष प्राप्ति तक का रास्ता बताते हैं. मंदिर की सबसे खास बात मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान शिवलिंग बेहद छोटा है जो भक्तों के आकर्षण का केंद्र है. शिवलिंग के बारे में पुरातत्व के जानकारों का मानना है कि जिस प्रकार इतने बड़े शरीर में आत्मा बहुत सूक्ष्म होता है, ठीक इसी तरह मंदिर में परमात्मा के स्वरूप में शिवलिंग विराजमान है. आज भी ये शिव मंदिर अपने वैभव के लिए जाना जाता है.
विराट शिव मंदिर में भी कोरोनाकाल का असर दिख रहा है, विराट मंदिर को तो लोगों के लिए पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है लेकिन गर्भ गृह को अभी भी बंद करके रखा गया है, गर्भ गृह में अभी भी ताला लगा हुआ है, क्योंकि यहां ज्यादा भीड़ न लगे और लोग सुरक्षित रहें, वैसे भी श्रावण के महीने में इस मंदिर में काफी संख्या में शृद्धालु शिव के दर्शन करने पहुंचते हैं ऐसे में अभी गर्भ गृह बंद होने के चलते लोगों को दूर से ही शिव के दर्शन करने होंगे.