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संक्रमण का मेला! रात 10 बजे से लग गई भीड़, बारिश में भीगे, फिर भी नहीं आया नंबर - शहडोल न्यूज

होशंगाबाद में अव्यवस्था के कारण वैक्सीनेशन सेंटर पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी. यहां लोग रात 10 बजे से ही जुटने शुरु हो गए थे. लोगों का कहना है कि इस सेंटर पर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोग आए हैं. इसलिए अफरातफरी का माहौल है. दोनों के लिए अलग-अलग सेंटर होने चाहिए थे.

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बढ़ती गई भीड़, मच गई अफरातफरी

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Published : Jul 22, 2021, 2:22 PM IST

होशंगाबाद। इसे लोगों की जागरूकता कहें या प्रशासन की अव्यवस्था, सिवनी मालवा में वैक्सीनेशन सेंटर में डोज लेने वालों की भारी भीड़ लग गई. ना कहीं सोशल डिस्टेंसिंग दिखी ना मास्क जरूरी दिखा. हैरानी की बात ये है कि ये भीड़ रात 10 बजे से ही जुटनी शुरु हो गई थी.

संक्रमण का मेला!

भीड़ ना बांट दे कोरोना

होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा में स्कूल ग्राउंड में मेले जैसा नजारा था. लोग यहां वैक्सीन लगवाने आए थे. भीड़ इतनी थी कि लोग एक दूसरे से चिपक कर खड़े थे. कई लोगों के चेहरों पर मास्क भी नहीं था. इतनी भीड़ देखकर प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए. लोगों को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था.

अल सुबह लग गई भीड़

रात 10 बजे से ही आने लगे लोग

रात 10 बजे से ही लोग यहां पहुंचने लगे. एक दो घंटे के अंदर ही यहां भीड़ जमा हो गई. रात को बारिश भी हुई, तो लोग डटे रहे. इस दौरान वहां प्रशासन का कोई आदमी नहीं था. लोग यूं ही एक दूसरे से सटे खड़े रहे. कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ गया. रात बढ़ती गई तो भीड़ भी बढ़ती गई. सुबह तक तो स्कूल ग्राउंड मेला ग्राउंड बन गया.

सुबह होते होते लग गया मेला!

'व्यवस्था करने में प्रशासन फेल'

बलराम गौर ने बताया कि वो सुबह तीन बजे से यहां पर खड़े हैं. उन्होंने कहा कि व्यवस्था पूरी तरह से फेल है. यहां महिलाएं भी अपने छोटे बच्चों के साथ आई हैं. उनके लिए भी कोई इंतजाम नहीं हैं. यहां गांव और शहर दोनों जगहों से लोग इंजेक्शन लगवाने आए हैं,. भीड़ इतनी हो गई कि बैठने की कोई जगह ही नहीं बची. अपना नंबर लगाने के लिए लोगों ने रुमाल जमीन पर रख दिया. जिसके पास रुमाल नहीं था उसने अपनी चप्पल या फिर कुछ और सामान रख दिया.

बच्चों के साथ बारिश में खड़ी रहीं महिलाएं

अनिता बाई ने बताया कि सुबह तीन बजे जब हम यहां आए तो बारिश हो रही थी. महिलाएं अपने बच्चों के साथ बारिश में भी भीग गईं. इनकी मांग है कि महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए. महिलाओं को पहले टीका लगना चाहिए.

दिन होते होते लग गया 'कुंभ'

'अलग-अलग सेंटर बनाने चाहिए थे'

जीएस मीणा एक सरकारी इलेक्ट्रीशियन हैं. उनका कहना है कि लोग यहां रात से आने लगे. स्कूल की दीवार कूदकर लोग पहुंच रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. लोग इतनी जल्दी क्यों आ गए. जब वैक्सीन लगाने वाले कर्मचारी 8 बजे आएंगे, तो लोग इतना जल्दी क्यों आ गए. उन्होंने ये भी कहा, कि एक ही जगह पर ग्रामीण और शहरी दोनों लोग आ रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. ग्रामीणों के लिए गांव में ही वैक्सीन का इंतजाम होना चाहिए. शहरी लोगों के लिए शहर में टीका लगना चाहिए. दोनों जगह के लोग एक साथ आ गए, इसलिए इतनी अव्यवस्था हो रही है.

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'नौ वैक्सीन कहां गई'

संतोष लौवंशी भी वैक्सीन लगवाने आए हैं. उन्होंने बताया कि वो रात 11 बजे से आए हुए हैं. उनका लाइन में नंबर 141 है, 150 लोगों को टीका लगना है. लेकिन उन्हें टोकन नहीं मिल पाया. यहां टोकन सुबह 7 बजे से मिलना शुरु होता है. वो पूछते हैं कि जब मैं 141 नंबर पर था तो मुझे टोकन क्यों नहीं मिला. नौ वैक्सीन कहां गई. पता नहीं क्यों, क्या गड़बड़ चल रही है. ये प्रशासन की गलती है.

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