शहडोल। शहडोल मेडिकल कॉलेज एक बार फिर से सुर्खियों में है. वजह है ऑक्सीजन की कमी से हुई कई कोरोना मरीजों की मौत. मेडिकल कॉलेज में उस वक्त अफरा- तफरी का माहौल निर्मित हो गया, जब आईसीयू में ऑक्सीजन की सप्लाई खत्म होने से कुल 12 मरीजों की मौत हो गई. मेडिकल कॉलेज के डीन के मुताबिक, आईसीयू में देर रात छह कोरोना मरीजों की मौत हुई. जिन मरीजों की मौत हुई है, वो सभी आईसीयू में थे, जबकि अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा ने बताया कि 12 मरीजों की मौत हुई है.
- डीन ने कहा- छह की मौत
मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर ने कहा कि हमारे यहां जो लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगा हुआ है. वो खत्म हो रहा था. इसकी आपूर्ति के लिए डिमांड भी की गई थी. पहले ऑक्सीजन शाम को आना था, लेकिन बाद में बताया गया कि रात में दो बजे आएगा. ऐसे करते-करते काफी टाइम हो गया. देर रात बची-कुची ऑक्सीजन भी खत्म हो गई. इसकी वजह से छह मरीजों ने दम तोड़ दिया. हालांकि, इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि ऑटोमेटिक तरीके से सभी बेड पर एक साथ ऑक्सीजन जाता है. करीब 100 से अधिक मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.
- टैंक में ऑक्सीजन की प्रेशर में आई कमी
इस पूरे मामले को लेकर डीन मिलिंद शिरालकर का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई लिक्विड प्रेशर टैंक से होती है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ऑटोमेटिक टैंक से डायरेक्ट सप्लाई की जाती है. मेडिकल कॉलेज में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से टैंक में प्रेशर कम हो गया है.
- अपर कलेक्टर ने कहा- 12 की मौत
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे अपर कलेक्टर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी है. ऑक्सीजन का प्रेशर डाउन जरूर हुआ है, तो सिलेंडर के माध्यम से लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. थोड़ा पैनिक क्रीएट हो जाता है, जब इस तरह की खबरें सामने आती हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में कुल 12 मरीजों की मौत हुई है.
- स्वास्थ्य मंत्री, कलेक्टर ने ऑक्सीजन की कमी को नकारा
इधर हंगामा बढ़ने के बाद स्वास्थ्य मंत्री और कलेक्टर ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत होने से तो इनकार कर दिया, साथ ही शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी होने से भी इनकार कर दिया. शहडोल कलेक्टर ने ट्वीट कर ऑक्सीजन की कमी होने से इनकार किया. बाद में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भी इसे रिट्वीट किया और ऑक्सीजन की कमी से मौत होने के आरोपों को निराधार बताया.
- परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर परिजनों में ज्यादा रोष है. मेडिकल कॉलेज में ही रोते बिलखते नजर आ रहे परिजन जहां एक ओर कह रहे हैं कि वो मरीजों को रात में ठीक कंडीशन में छोड़कर गए थे, लेकिन सुबह होते ही ये मौत का तांडव देखने को मिला. पता चला कि अब हमारे अपने नहीं रहे. आखिर ये किसकी गलती. परिजन ने कहा कि सुबह होते ही ऑक्सीजन की कमी और प्रशासन की लापरवाही की वजह से उनके अपने उन्हें छोड़कर चले गए.
- विश्वास सारंग ने जांच कराने की कही बात
चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट कर लिखा कि 'हमने स्वयं वहां के प्रशासन से बात की है. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मृत्यु नहीं हुई है. जिनकी मृत्यु हुई है वो बहुत गंभीर रूप से बीमार थे.' वहीं विश्वास सारंग ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जायेगी.
- पूरे संभाग से आते हैं कोरोना मरीज
गौरतलब है कि, जिले में कोरोना का कहर लगातार जारी है. बीते शनिवार को 216 नए कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए, जिसके बाद पूरे शहर में एक्टिव केस की संख्या 1,163 हो गई है. होम आइसोलेशन में 1000 लोग इलाज करा रहे है. वहीं मेडिकल कॉलेज में संभाग भर से कोरोना मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं.