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शहडोल: बच्चों की मौत मामले में कांग्रेस जांच दल पहुंचा जिला अस्पताल, शिवराज सरकार को बताया असंवेदनशील - congress janch dal

शहडोल जिला अस्पताल में हुए 13 बच्चों के मौत के मामले में कमलनाथ द्वारा गठित जांच दल शहडोल जिला अस्पताल पहुंचा. जहां टीम ने अस्पताल प्रबंधन और कलेक्टर से नवजातों की मौत की वजह जानने की कोशिश की. टीम उन परिजनों के घर भी जाएगी जिन्होनें अपने बच्चे खोए है. उसके बाद रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपेगा.

Investigation team took information
जांच दल ने ली जानकारी

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Published : Dec 6, 2020, 7:53 AM IST

शहडोल। 13 नवजात बच्चों के मौत के मामले में कमलनाथ द्वारा गठित जांच दल शहडोल जिला अस्पताल पहुंचा. जहां जांच दल ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर बीएस बारिया और सीएमएचओ डॉ. राजेश पांडेय से मामले की जानकारी ली और बच्चों की मौत की वजह जानने की कोशिश की. इसके बाद टीम उन परिजनों के घर भी जाएगी, जिन के बच्चों की मौत हुई और उनसे उनका पक्ष जानेगी. जिसके बाद जांच दल अपनी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपेगा. निरीक्षण टीम में विधायक सुनील सराफ, विधायक विजय राघवेंद्र सिंह और अनूपपुर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल और शहडोल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह शामिल है. जांच के बाद कोतमा विधायक सुनील सराफ ने नवजातों के मौत पर सवाल खड़े किए और शिवराज सरकार को असंवेदनशील सरकार बताया है.

जांच दल ने ली जानकारी
कांग्रेस विधायक सुनील सराफ ने अस्पताल प्रबंधन से चर्चा

कांग्रेस विधायक सुनील सराफ ने कहा कि ये जांच दल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बनाया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जानकारी मांगी है कि ग्राउंड रिपोर्ट आखिर क्या है, सच्चाई क्या है. उसके पांच लोग जांच करने यहां पहुंचे हैं. उनका कहना है कि यहां आकर के हम लोगों ने कलेक्टर से भी मुलाकात की है और उनका पक्ष जाना. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उनके हिसाब से यहां कोई गलत नहीं हुई है. यहां जो भी केस आते है वो रेफर केस होते है या ठंड बढ़ने से भी ऐसा हो सकता है. विधायका का कहना है कि हमारा प्रश्न यह है कि ठंड अभी 10 दिन से बढ़ रही है और ठंड तो पूरे प्रदेश में पड़ रही है. दूसरी चीज यह है की जो बाहर से केस आ रहे हैं वो तो साल भर आते हैं, तो फिर ऐसा क्या हुआ कि इतने बच्चों की मौत हो जाती है. मतलब इस टाइम पीरियड में कोई न कोई लापरवाही तो हुई है. यह कोई संयोग या दुर्भाग्य नहीं है. हमने अभी इनकी बात सुनी अभी हमने परिजनों का एड्रेस ले लिए हैं, जिनके बच्चे खोए हैं. अब हम उनकी बातें सुनेंगे.

बच्चों के परिजनों से बात करेगी टीम

कांग्रेस विधायक सुनील सराफ का कहना है कि हम आए हैं तब तो एसएनसीयू बहुत कुछ साफ सुथरा, सब कुछ बेहतर दिख रहा है. पिछले साल भी यही हुआ था. जब हम लोग स्वास्थ्य मंत्री के साथ यहां आए थे. तब भी सब कुछ अच्छा था, लेकिन जब सब कुछ अच्छा है तो फिर एक टाइम में अचानक इतने बच्चों की लगातार मौत, यह एक संयोग नहीं हो सकता है. कोई न कोई कारण है कुछ ना कुछ वजह है. उन्होनें बताया कि यहां अनूपपुर, उमरिया जिले के भी रेफर केस आते हैं. यहां लोड ज्यादा बढ़ जाता है तो भी यहां सरकार की गलती है. वहां पर अगर अनूपपुर उमरिया में भी शहडोल जितनी सुविधा है, तो फिर वहां के रेफर केस यहां क्यों आ रहे हैं. प्राथमिक जांच में जब तक हम बच्चों के पैरेमट्स से बात नहीं कर लेते तब तक हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते हैं. लेकिन यह निश्चित रूप से विचारणीय है कि हफ्ते में ही इतनी मौत क्यों हुई.

प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
'असंवेदनशील सरकार है'कांग्रेस विधायक सुनील सराफ का कहना है कि जनवरी 2020 में हमारी सरकार थी. तब 6 बच्चों की दुखद मौत हुई थी. हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री ने कमलेश्वर पटेल को जो मंत्री थे सेम डे भेजा और उसके दूसरे दिन हेलीकॉप्टर से स्वास्थ्य मंत्री, प्रभारी मंत्री और स्वास्थ्य सचिव और मुझे यहां पर भेजा गया, हम प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए सीएमएचओ और सिविल सर्जन को तत्काल पद से हटा दिए थे. यहा राजनीति करने का समय नहीं है, मैं राजनीति नहीं करना चाहता बहुत दुख का समय है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि उस समय बीजेपी के विधायक को जो 50 लोगों को ले करके हमारे खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. जबकि हम यहां पर जांच के लिए आए थे. आज जब उनका शासन है और इतनी बड़ी घटना हो गई है. तो उनका पता नहीं है आज भी हम ही आ रहे हैं. यह कितनी असंवेदनशील सरकार है. उनका कहना है कि जांच पूरी होने पर कांग्रेस भोपाल में इसके के खिलाफ आवाज उठाएगी.

अब तक 13 बच्चों ने तोड़ा दम

शनिवार को एक और बच्चे की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि, बच्चे को आज ही प्राइवेट क्लीनिक से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी मौत हुई. इस मामले में सिविल सर्जन का कहना है कि, बच्चा मृत अवस्था में ही आया था. वहीं प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टर का कहना है कि, बच्चा गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल रेफर किया गया था. वहीं 26 नवंबर से अब तक यहां 13 बच्चों की मौत हो चुकी है.

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