शहडोल। जिले के रईस खान गरीब आदिवासी बच्चों को फुटबाल सिखाकर खेल के प्रति प्रेरित करते है. रईस खान फुटबाल के सात नेशनल खेल चुके है, साथ ही मध्य प्रदेश की फुटबाल टीम के कप्तान भी रह चुके हैं.
रईस खान बने गरीब बच्चों के लिए मसीहा, 65 नेशनल, 1 इंटर नेशनल और कई आदिवासी बच्चों को दी फुटबाल की ट्रेनिंग - फुटबाल कोच रईस खान
शहडोल के फुटबाल कोच रईस खान गरीब आदिवासी बच्चों को फुटबाल सिखाकर खेल में उनका भविष्य बनाने में मदद करते है. यें खुद मध्य प्रदेश की फुटबाल टीम के कप्तान रह चुके है, जिसके बाद बच्चों को फुटबाल की ट्रेनिंग दे रहे हैं.
फुटबाल के खिलाड़ियों के बीच खान सर के नाम से फेमस कोच रईस अहमद खान जिले में फुटबाल को जिंदा रखे हुए हैं. रईस खान शासकीय स्कूल में पीटीआई की नौकरी करते है, जिसके बाद आदिवासी बच्चों को फुटबाल की ट्रेनिंग देते है. एक समय में स्टार स्ट्राइकर रहे खान अपने खेल से मिले ज्ञान को बच्चों में बाटकर उन्हें नेशनल के लिए तैयार करते है. रईस पिछले 20 सालों से फुटबाल की ट्रेनिंग दे रहे हैं.
इनके तैयार किये हुए खिलाड़ीयों में से 65 बच्चे नेशनल, एक खिलाड़ी इंटरनेशनल खेल चुका है, जिनमें 30-35 आदिवासी लड़के शामिल हैं और 15 बैगा और कोल समाज की लड़कियां नेशनल फुटबाल खेल चुकीं हैं. रईस खान आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों की मदद कर उन्हें खेल के प्रति प्रोत्साहित करते हैं, जिसके चलते खिलाड़ियों के बीच कोच लोकप्रिय है.