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शहडोल में बदला मौसम, अन्नदाता के माथे पर फिर दिखी चिंता की लकीरें

जिले में बदलते मौसम को देखते हुए किसानों की भी चिंता बढ़ गई है. कई जगहों पर कहीं-कहीं बारिश हुई, तो कहीं-कहीं बादल छाए रहे.

farmers concern about crops due to change weather
बदलते मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता

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Published : Apr 20, 2021, 10:33 AM IST

शहडोल। एक तरफ कोरोना संक्रमण के कारण जिले में कोरोना कर्फ्यू लगा है, तो वहीं,जिले में पिछले दो-तीन दिनों से मौसम ने करवट ले ली है. कहीं-कहीं बारिश हुई, तो कहीं-कहीं बादल छाए रहे. अचानक मौसम के बदलने से किसानों के मन में डर है कि कहीं बारिश होने की वजह से उनकी फसलें बर्बाद न हो जाएं. अभी फसलों की कटाई चल रही है.

बदलते मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता

अचानक बदला मौसम

मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी के मुताबिक जिले में बारिश की संभावना जताई गई, उसके बाद मौसम साफ रहने के संकेत हैं. बादल भले ही छाए रहे, लेकिन बारिश की संभावना कम जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि पिछले दो-तीन दिनों में बंगाल की खाड़ी में विक्षोभ बनने के कारण जिले में तीन दिन बारिश हुई है, जिसके कारण मौसम में परिवर्तन देखने को मिला है.

बदलते मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता

रबी सीजन के फसलों की चल रही कटाई

जिले में इन दिनों फसलों की कटाई चल रही है, जिसमें गेहूं की फसल मुख्य है. कई किसान इन दिनों अपने फसलों की कटाई कर रहे हैं, वहीं खेतों में कटे हुए फसल पड़े हुए हैं. ऐसे में अगर अचानक बारिश हो गई किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. बदलते मौसम को देखकर मजदूर ज्यादा न मिलने की वजह से किसान खुद ही गेहूं की कटाई में लगे हुए हैं.

बदलते मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता

कटाई गहाई का है सीजन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह का कहना है कि रवि सीजन के फसलों की कटाई-गहाई का समय चल रहा है. यहां मुख्य रूप से गेहूं की पैदावार होती है और उसकी कटाई भी हो रही है. यहां पिछले दो-तीन दिनों में जो बारिश हुई है. उससे फसलों को थोड़ा बहुत तो नुकसान हुआ होगा. इसे देखते हुए कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को सलाह दी है कि मौसम को देखते हुए फसलों को सूखने का इंतजार करें उसके बाद ही कटाई -गहाई का काम शुरू करें. बदले मौसम से महुआ के फूल की फसल और आम की फसल पर नुकसान की संभावना है. हालांकि, उन्होंने बारिश की संभावना नहीं जताई है.

जिले में रबी सीजन का रकबा

रबी सीजन में मौजूदा साल गेहूं का रकबा 68,000 हेक्टेयर के करीब है, तो वहीं चना का रकबा 8,000 हेक्टेयर के आसपास है. मटर का रकबा 800 हेक्टेयर के आसपास का रहा और अलसी लगभग 5,000 हेक्टेयर के आसपास रहा. मुख्यतः रबी सीजन में जिले में गेहूं की खेती बड़ी मात्रा में होती है, जिसकी कटाई -गहाई का काम चल रहा है.

मध्य प्रदेश के कई ज़िलों में बारिश का अलर्ट

जिस तरह से मौसम बदला है, इससे किसान बेहद चिंतित हैं. अगर आने वाले समय में फिर से बारिश होती है, तो गेहूं की फसल का नुकसान हो सकता है.साथ ही इस बार आम की फसल में भी ज्यादा फायदा होने की उम्मीद नहीं की जा रही है. क्योंकि बदलते मौसम के कारण आम की फसल पर भी असर होगा.

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