शहडोल। आज नागपंचमी है और आज के दिन उन शिवालयों में काफी संख्या में भीड़ उमड़ती है, जहां भगवान शिव नागदेवता के साथ विराजे होते हैं. आज के दिन सर्पों के दर्शन को विशेष माना जाता है. नागपंचमी पर भक्त सर्पों को दूध पिलाते हैं, उनकी पूजा अर्चना करते हैं, उनके दर्शन को लालायित रहते हैं. आज का दिन बहुत विशेष माना जाता है. ज्योतिषाचार्य और पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानें इस नागपंचमी के दिन क्या करें, क्या न करें, किस राशि वाले कैसे पूजा अर्चना करें, जिनकी राशि में शनि है वो क्या करें, कालसर्प दोष वाले क्या करें, किन राशि वालों के लिए इस बार की नागपंचमी विशेष है.
क्यों मनाई जाती है नागपंचमी ?
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्री के मुताबिक नागपंचमी इसलिए मनाई जाती है, क्योंकि समुद्र मंथन के समय 14 रत्न निकले थे, उस दौरान उस मंथन से विष भी निकला था और विषपान के लिए शिवजी को आमंत्रित किया गया था. भगवान शिवजी जब विषपान कर रहे थे, तो कुछ बूंदें धरती पर गिर गईं थीं और उस विष को सर्प पान कर गए थे, तो सर्पों में विष आ गया. नागपंचमी के दिन शिवजी का वरदान है कि, जो सर्प को दूध पिलाते हैं, सर्प का दर्शन करते हैं, तो उनके ऊपर कभी सर्प का प्रकोप नहीं रहता है.
पूजा के शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्री, शुभ मुहूर्त को लेकर बताते हैं कि, इस बार नागपंचमी के दिन पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7:00 बजे से लेकर दिन के 10:00 बजे के बीच में है. इस दौरान किसी भी शिवालय में जाकर शिवजी के ऊपर जो सर्प बने रहते हैं, उनको दूध पिलाएं, तो सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.
ऐसा करने से शनि और कालसर्प दोष होगा शांत