शहडोल। नए साल की शुरुआत से ही शहडोल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. साल की शुरुआत से ही पहले मौसम ने करवट बदल ली. जिले के पड़मनिया कला गांव में बैगा आदिवासी बच्चें साल के 12 महीने फुटबॉल खेलते हैं. ठंड हो या गर्मी बरसात हो या फिर कोई भी मौसम ये आदिवासी बच्चे फुटबॉल खेलने जरूर पहुंचते हैं.
कड़ाके की ठंड में फुटबॉल बना आदिवासी बच्चों का पैशन - शहडोल न्यूज
शहडोल के पड़मनिया कला गांव में कड़ाके की ठंड में फुटबॉल आदिवासी बच्चों का पैशन बन गया है.
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समाजसेवी और इन गरीब आदिवासी बच्चों को फुटबॉल खेलने में मदद करने वाले अनिल साहू बताते हैं कि, इन दिनों कड़ाके की ठंडपड़ रही है और ये बच्चे इस ठंड में भी हर दिन फुटबॉल खेलने के लिए प्रैक्टिस करने पहुंचते हैं.
बैगा खिलाड़ियों ने कहा फुटबॉल खेलना पैशन है.
इस ठंड के बीच भी कड़ी प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों ने कहा कि फुटबॉल खेलना उन्हें अच्छा लगता है. इसलिए वो हर दिन प्रैक्टिस करते हैं, उन्हें फर्क नहीं पड़ता फिर चाहे कितनी भी ठंड हो. कुछ बैगा आदिवासी बच्चों ने तो यहां तक बताया कि, इस ठंड में सुबह सुबह फुटबॉल खेलने आ जाते हैं, दौड़ दौड़ कर शरीर में गर्मी आ जाती है और फिर धूप मिल जाती है. रात अलाव के सहारे काटते हैं. क्योंकि इतने गर्म कपड़े उनके पास नहीं है, जो इस कड़ाके की ठंड को भगा सकें.