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परोपकारः गरीबों को मास्क बनाकर बांट रहा ये परिवार, संकट की खड़ी में कर रहा असहायों की मदद - कोरोना परोपकार

देशभर में फैले कोरोना संक्रमण के कारण बहुत से गरीब परिवारों को मास्क और सेनिटाइजर जैसे बेहद जरूरी सामान नहीं मिल पा रहे हैं, ऐसे में एक परिवार ने मास्क बनाकर लोगों को बचाने का निर्णय लिया है.

a family is distributing masks of the poor in shahdol
गरीबों का मास्क बनाकर बांट रहा ये परिवार

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Published : Apr 11, 2020, 7:10 PM IST

शहडोल। कोरोना वायरस के खिलाफ फाइट लगातार जारी है, इस फाइट में जिससे जो बन पा रहा वो उस तरह से सहयोग कर रहा, अपना कंट्रीब्यूशन दे रहा है. देश भर में पैले कोरोना संक्रमण के कारण बहुत से गरीब परिवारों को मास्क और सेनेटाइजर जैसे बेहद जरूरी समान नहीं मिल पा रहे हैं, ऐसे में एक परिवार ने मास्क बना कर लोगों को बांटने का निर्णय लिया है. शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 20 से 25 किलोमीटर दूर है चटहा गांव है, जहां सत्येंन्द्र सिंह नाम के युवा और उनके परिवार ने करीब 800 मास्क बनाकर जिला मुख्यालय और अपने गांव में बांट चुके हैं.

गरीबों का मास्क बना कर बांट रहा ये परिवार

परिवार ने दिया साथ

घर में मास्क बनाकर जिला मुख्यालय से लेकर गांव के गरीबों तक लोगों को मास्क बांटना सत्येंन्द्र सिंह और उनके परिवार की अच्छी पहल है. सत्येंन्द्र सिंह बताते हैं कि वो कोरोना वायरस के खिलाफ इस फाइट में अपना भी कुछ योगदान देना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपने घर में ही मास्क बनाने की सोची, और इसके लिए उनकी पत्नी, उनकी भाभी, उनकी मां और उनकी बहन ने भी समर्थन किया, और फिर क्या था, शुरू कर दिया मास्क बनाने का काम.

परिवार ने दिया साथ

सत्येंन्द्र सिंह कहते हैं कि अपने परिवार के साथ मिलकर अभी उन्होंने करीब 800 मास्क बांटे हैं, जिसमें शहडोल से लेकर ग्राम चटहा तक के गरीबों को, आदिवासियों को और जरूरतमंदों को बांटा गया है, और अगर जरूरत पड़ी, और लोगों को आवश्यकता हुई तो करीब 5 हजार मास्क और बनाने को तैयार हैं.


गांव, खेत में गरीबों को बांट रहे मास्क
संजू सिंह कहती हैं कि जब उन्होंने पहली बार मास्क बनाया करीब 300 मास्क तो उन्होंने उसका वितरण जिला मुख्यालय में किया, लेकिन देखा कि जब यहां इतनी जरूरत है तो खेतों पर काम करने वाले, गांव में रहने वाले, और वो लोग जिन्हें इस मास्क के बारे में कुछ पता भी नहीं उन्हें भी बांटना चाहिए और इसका उपयोग भी बताना चाहिए. इसलिए उन्होंने फिर से घर में 500 मास्क अपने परिवार वालों के साथ मिलकर बनाए, और फिर क्या था, इस बार चटहा गांव के आदिवासी, खेतों में काम करने वाले लोग, गांवों के गरीबों के बीच बांटा गया.

गांव, खेत में गरीबों को बांट रहे मास्क


जरूरत पड़ी तो आगे भी बनाएंगे
पुष्पा सिंह जो मास्क बनाने में अपना पूरा सहयोग देती हैं वो कहती हैं कि रोज मर्रा के कार्य से हटरकर अभी महज कुछ घंटे देकर ही इतने मास्क तैयार कर दिए हैं. अगर जरुरत पड़ी तो आगे और भी मास्क बनायेंगे, और जरूरतमंदों तक पहुंचाएंगे, और कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में उनसे जो मदद हो सकती है वो करेंगे.

जरूरत पड़ी तो आगे भी बनाएंगे

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खिलाफ इस फाइट में हर कोई अपने अपने अंदाज में अपना अपना कंट्रीब्यूशन दे रहा है जिससे जो हो पा रहा है वो कर रहा है, और ऐसे में चटहा गांव के इस परिवार का ये कार्य भी सरहानीय है, जिस तरह से मास्क बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाने का ठाना है वो इन ग्रामीणों का काबिले तारीफ कदम है.

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