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शहडोल में 48 घंटे में 6 नवजात बच्चों की मौत पर सवाल, कमिश्नर ने अभिभावकों को ठहराया जिम्मेदार

शहडोल जिला अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जहां 48 घंटें में छह बच्चों की मौत हो गई है. नवजात बच्चों की मौत के बाद से स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो गए है.

Newborn deaths
नवजात बच्चों की मौत

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Published : Nov 30, 2020, 1:09 PM IST

Updated : Nov 30, 2020, 5:15 PM IST

शहडोल।शहडोल जिले में नवजात बच्चों की मौत का मामला थम नहीं रहा है. आलम यह है कि पिछले 48 घंटे में सिलसिलेवार 6 नवजातों की मौत हो चुकी हैं. आज सुबह भी एक नवजात की और मौत हुई और यह सभी गंभीर अवस्था में नवजात बताए जा रहे हैं. जिनकी मौत हुई है. नवजात बच्चों की मौत के बाद हड़कंप मच गया है. लगातार हो रही इन मौतों ने स्वास्थ्य महकमे पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल ये भी है कि आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है.

नरेश पाल,कमिश्नर

सुबह फिर हुई एक और नवजात बच्चे की मौत
जिला चिकित्सालय में आज सुबह फिर से एक नवजात की मौत हुई है. सोहागपुर के 3 माह के अनुराज बैगा की मौत हुई है. वहीं रविवार को ही सोहागपुर के ही कटहरी गांव के भी एक नवजात की खबर है.

नवजात बच्चों की मौत

नवजातों के मौत के मामले में बोले कमिश्नर

इस मामले पर शहडोल कमिश्नर नरेश पाल का कहना है कि जिला अस्पताल में बच्चों की मौत के संबंध में सीएमएचओ ने जो पड़ताल की है, उसमें ये पाया गया है कि अभिभावकों ने बच्चों को तब एडमिट कराया जब बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब थी. फिर भी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ ने बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन फिर भी बच्चों को बचाया नहीं गया. हमारे फील्ड में जो महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं. उनको निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे बच्चे जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है उनकी सतत रूप से जांच करें और उनको समय पर भर्ती करने के लिए पालकों उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित करें. जिससे की बच्चे समय पर अगर इलाज के लिए आ जाएंगे तो निश्चित रूप से डॉक्टर्स उनको पूरे प्रयास करके उनके जीवन की रक्षा कर सकेंगे. सीएमएचओ और जिला चिकित्सालय ने रिपोर्ट प्रस्तुत की है. अगर बच्चों को समय पर अस्पताल में भर्ती किया जाता तो बेहतर परिणाम हो सकते थे।

शहडोल जिला अस्पताल

जांच हेतु कमेटी का गठन

वहीं नवजातों के मौत मामले में कलेक्टर डॉक्टर सतेन्द्र सिंह के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश पाण्डेय ने जिला अस्पताल शहडोल में हुई नवजात बच्चों की मौत के मामले में जांच समिति का गठन किया कर दिया है. जांच समिति में डॉक्टर मुकुन्द चतुर्वेदी जिला चिकित्सालय शहडोल, डॉक्टर नागेन्द्र सिंह और डॉक्टर प्राणदा शुक्ला, सहायक प्राध्यापक शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल शामिल हैं. ये जांच कमेटी तीन दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौपेगी.

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गौरतलब है कि रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई है, जिनकी मौत हुई है. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल,2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और आज एक बार फिर से सुबह-सुबह एक नवजात की मौत हो गई है. जिसके साथ ही अब यह आंकड़ा पिछले 48 घंटे में 6 बच्चों की मौत तक पहुंच चुका है.


सीएमएचओ ने दिए थे जांच के आदेश
नवजात की मौत के मामले में रविवार को ही सीएमएचओ ने कहा था कि कमेटी बनाकर इस बात की जांच की जाएगी कि आखिर लापरवाही कहां हुई है. साथ ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं जो कमियां होंगी उस पर सुधार किया जाएगा.

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रविवार को कांग्रेसियों ने किया था प्रदर्शन
इस मसले पर रविवार को ही कांग्रेस ने भी धरना प्रदर्शन किया था. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की थी सीएमएचओ के खिलाफ जिसके बाद जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद उन्होंने धरना खत्म किया था और काफी बवाल भी मचा था.

Last Updated : Nov 30, 2020, 5:15 PM IST

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