शहडोल। जिला अस्पताल 26 नवंबर से ही सुर्खियों में है, यहां सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर से शहडोल जिला चिकित्सालय में दो और बच्चों की मौत हो गई. जिसमें एक बच्चे की मौत का कारण फीडिंग के दौरान श्वास नली में दूध जाना बताया जा रहा है. जबकि दूसरी बच्ची को बुखार और सर्दी से पीड़ित होना और दिमागी बुखार बताई जा रही है, आखिर ये बच्चे कहां के थे और इनकी किन वजहों से मौत हुई है, जानिए इस पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन ने क्या कहा.
दो और बच्चों की मौत
शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिला चिकित्सालय में दो और बच्चों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि उमरिया जिले के टिकरी टोला पाली से 4 महीने की बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया था, चिकित्सकों ने जांच की तो उसकी सांसें थम चुकी थी चिकित्सकों ने पीआईसीयू में उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन बच्चे की मौत हो गई है. वहीं जिला अस्पताल में दूसरे बच्चे की मौत हुई है. वह 4 महीने की एक बच्ची है. बच्ची को उमरिया जिले के चननिया गांव से करीब 4 दिन पहले यहां इलाज के लिए लाया गया था.
बच्चों की मौत पर बोले सिविल सर्जन
जिला चिकित्सालय के नए प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार ने बच्चों की मौत को लेकर सफाई पेश करते हुए बताया कि दो बच्चों की मौत का जो मामला है, इसमें एक बच्चा उमरिया जिले से आया था वह एसएनसीयू में आया था और मृत अवस्था में आया था. यहां मौत हुई है कहना गलत है, दूसरी जो 4 महीने की बच्ची थी वह पीडियाट्रिक वार्ड वार्ड में भर्ती थी. वह बच्ची पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती थी. वह स्वस्थ थी, उसकी छुट्टी होनी थी. रात में दूध पिलाते पिलाते बच्ची सो गई. जिसकी वजह से बच्ची के स्वास नली में दूध चला गया और उसकी मौत हो गई. इसमें चिकित्सकों की कोई लापरवाही नहीं है. 26 तारीख से अब तक बच्चों की मौत के आंकड़े 24 हो गए हैं.