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खतरों का सफर करने को मजबूर ग्रामीण, नाव बनी सवारी

सिवनी में पुल के न बनने के कारण दर्जनों गांव के लोग खतरों का सफर करने को मजबूर हैं.ग्रामीण नदी तट तक अपने साधन, बाइक या पैदल आते हैं. इसके बाद नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेते हैं.

Villagers are getting worried
ग्रामीण हो रहे परेशान

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Published : Dec 30, 2020, 9:16 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 11:00 PM IST

सिवनी। जिले के घंसौर क्षेत्र में बरगी बांध के प्रभावित ग्रामीण इलाकों में जीवन काफी दुश्वार है. बारिश और बारिश के बाद इन क्षेत्रों के ग्रामीणों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. इन गांवों में आने-जाने के लिए इकलौता साधन नाव है. घंसौर के सरैया से करैहया गांवों के बीच बनने वाले पुल का इंतजार ग्रामीण पिछले चार साल से कर रहे हैं, लेकिन लगातार लेटलतीफी के कारण अब तक लोगों को पुल नहीं मिल पाया है. इस संबंध में जिम्मेदार पानी ज्यादा होने और काम के लिए सीमित समय मिलने की बात कह रहे हैं.

ग्रामीण हो रहे परेशान

दशकों से पुल का इंतजार

घंसौर क्षेत्र के कुदवारी, करैहया, अनकवाड़ा, रोटो, बीजासेन सहित अन्य एक दर्जन गांव के डूब प्रभावित लोग दशकों से बेहतर सड़क और एक अदद पुल का इंतजार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से यहां पर एक सड़क और उच्च पुल का काम 2016 में स्वीकृत हुआ था. उस उच्च पुल की लंबाई 100 मीटर बननी थी. जबकि पुल की लागत तीन करोड़ 18 लाख रुपए से अधिक थी. इस पुल का काम 2016 में शुरु हो गया था और इसे पिछले साल जून में ही पूरा हो जाना था

खतरों का सफर

इस पुल के न बनने के कारण दर्जनों गांव के लोग खतरों का सफर करने को मजबूर हैं. ग्रामीण नदी तट तक अपने साधन, बाइक या पैदल आते हैं. इसके बाद नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेते हैं. डोंगीनुमा इस नाव में न तो लाइफ जैकेट जैसी सुविधा होती है ना ही सुरक्षा के कोई दूसरे इंतजाम है. ऐसे में किसी बीमार, बुजुर्ग, बच्चों आदि को शहर तक लाना किसी खतरे से कम नहीं है.

नाव से सवारी

जिम्मेदारों के अलग बयान

लेटलतीफी के कारण ग्रामीण परेशान हैं. वहीं अधिकारियों के अपने अलग तर्क हैं. अधिकारी अधिक जल स्तर का हवाला दे रहे हैं, लेकिन निर्माण के पूर्व सारी बातों का सर्वे कर लिया जाता है. जिसमें काम के समय से लेकर लागत का विवरण रहता है. ऐसे में जलस्तर बढ़ने की बात बहानेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है.

इनका कहना है बारिश के बाद जलस्तर काफी बढ़ जाता है. जिसके कारण काम करने को महज कुछ महीने ही मिल पाते हैं. वैसे जनवरी से काम शुरु किया जाएगा. उम्मीद है कि गर्मी के अंत तक ग्रामीणों को पुल मिल सकेगा.

Last Updated : Dec 30, 2020, 11:00 PM IST

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