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मजबूरों का छलका दर्द, कहा- भूखों मरने से अच्छा है कोरोना से मर जाएं - नायब तहसीलदार अभिषेक यादव

सिवनी जिले में मजदूरों को राशन नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, मजदूरों का कहना है कि अपात्रों को भूखों मरना पड़ रहा है, अच्छा है कि हम कोरोना से ही मर जाएं.

Enemy became lockdown
दुश्मन बना लॉकडाउन

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Published : Apr 25, 2020, 5:40 PM IST

सिवनी। लॉकडाउन के बाद लोगों ने सरकार की इस पहल का सहयोग किया. लेकिन लॉकडाउन 2.0 ने मजदूरों और बेरोजगारों की परेशानी बढ़ा दी. प्रदेश सरकार सहित केंद्र सरकार ने गरीबों की झोली में तो अनाज डाल दिया, लेकिन जिनका नाम पात्रता सूची में नहीं है, ऐसे लोग परेशान हो रहे हैं. जिन लोगों के पात्रता सूची में नाम नहीं हैं वे सरकार की इस नीति का विरोध कर रहे हैं.

दुश्मन बना लॉकडाउन

लोगों का कहना है कि घर पर भूखे मरने से अच्छा है कि वे कोरोना से मर जाएं. मजदूरों ने कहा कि दिन भर मजदूरी के बाद घर में चूल्हा जलता है. लेकिन मजदूरी नहीं मिलने से वे बेसहारा हो गए हैं. अपात्र हितग्राही मजदूरों को राशन नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आदिम जाति सेवा सहकारी समिति का धूमा सहित आसपास के क्षेत्रों में भी लोगों ने खुलकर विरोध करना शुरु कर दिया है.

नायब तहसीलदार अभिषेक यादव ने कहा कि आक्रोशित लोगों समझाइस दी गई है कि उनके राशन की व्यवस्था वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में कर दी जाएगी. जल्द ही उनके घर जाकर राशन मुहैया कराया जाएगा.

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