सिवनी।सीधी बस हादसे के बाद भी प्रदेश में RTO और पुलिस विभाग सीख लेने से परहेज करता नजर आ रहा है. इसकी बानगी सिवनी जिले में देखने को मिली, जहां ओवरलोड सवारी गाड़ियों पर नाम और औपचारिकता के लिए कार्रवाई हो रही है. वहीं ग्रामीण भी वाहनों पर लटक कर यात्रा कर रहे हैं.
जिले के ग्रामीण इलाकों में अब भी क्षमता से ज्यादा यात्रियों से भरे वाहनों का बेखौफ परिवहन हो रहा है. सीधी घटना से अब जब हर किसी को सबक लेना चाहिए था, लेकिन शासन-प्रशासन से लेकर वाहन मालिक कोई भी सबक लेने को तैयार नहीं है.
सिवनी के घंसौर थाना अंतर्गत बगदरी गांव से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. वीडियो में दुर्घटना संभावित रास्तों से होकर एक यात्री वाहन गुजरता दिखाई दे रहा है, जिसके ऊपर और दरवाजो पर कई यात्री लटक जा रहे हैं. इनमें महिला और बच्चे भी साफ नजर आ रहे हैं, जो हर लिहाज से जान हथेली पर रख कर सफर कर रहे हैं.
जान हथेली पर रख सफर कर रहे यात्री आखिरी शव मिलने के बाद रेस्क्यू खत्म, सीधी हादसे में 54 की मौत
इस वीडियो ने एक बार फिर चंद रुपयों की खातिर मुसाफिर की जान के साथ खिलवाड़ की सच्चाई को उजागर कर दिया है. साथ ही सीधी बस हादसे को लेकर RTO और पुलिस विभाग की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
सीधी सड़क हादसा
- मंगलवार को सीधी में रामपुर नेकिन के पाटन पुलिया के पास यात्री से भरी बस नहर में गिर गई थी. बस सीधी से सतना जा रही थी. इस हादसे में 54 लोगों की मौत हो चुकी है. बाकी यात्रियों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
- बस में 58 यात्री सवार थे. बस सुबह अपने तय रुट पर थी. आगे रास्ते में जाम लगने की वजह से ड्राइवर ने नहर वाला अलग रूट अपनाया था.
- जब बस रामपुर के नेकिन इलाके से सुबह करीब 7.30 बजे गुजर रही थी. तब ही ड्राइवर का नियंत्रण वाहन से खत्म हो गया. इसके बाद अनियंत्रित बस बाणसागर नहर में गिर गई.
सात जिंदगी बचाने और 38 शव निकालने वाला असली 'हीरो'
- आनन-फानन में रेस्क्यू शुरू किया गया, फिर भी 54 यात्रियों को नहीं बचाया जा सका, उनके शव नहर से निकाल लिए गए हैं. जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस समय नहर में पानी ज्यादा था. पानी का बहाव भी तेज था, लिहाजा यात्रियों को संभलने का मौका नहीं मिला.
- जिस नहर में बस गिरी है, वो नहर बाणसागर डैम से निकलती है. जो कि करीब 22 फीट गहरी है. तेज बहाव की वजह से रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आईं हैं. हादसे के करीब 4 घंटे बाद सुबह 11.45 बजे क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया.