सिवनी/छिंदवाड़ा।विश्व भर में सर्वाधिक शावकों को जन्म देने का कीर्तिमान स्थापित करने वाली बाघिन (tigress passes away in pench tiger reserve seoni) अब कभी नहीं दिख पाएगी. शनिवार को लगभग 16 वर्ष की उम्र में टी–15 कॉलर वाली बाघिन ने पेंच टाइगर रिजर्व में अंतिम सांस लीं. यह जानकारी लगते ही पेंच प्रबंधन में शोक का माहौल है. बाघिन ने सबसे ज्यादा बच्चे देने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है.
2005 में हुआ था जन्म
कॉलर वाली बाघिन का मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट (tiger state mp) का तमगा दिलाने में अहम योगदान रहा है. बाघिन का जन्म सितंबर 2005 में हुआ था. सबसे पहले मात्र ढाई साल की उम्र में बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया था. इसके बाद अब तक आठ बार में कॉलर वाली बाघिन 29 शावकों को जन्म दे दिया है. बाघिन ने सबसे ज्यादा पांच शावकों को जन्म दिया था.
देहरादून में मिला था नाम
11 मार्च 2008 को भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञों ने बाघिन को रेडियो कॉलर पहनाई थी. तब से बाघिन कालर वाली के नाम से पहचानी जाने लगी. पर्यटकों को भी यह सबसे ज्यादा दिखाई पड़ने वाली बाघिन है. कॉलर वाली बाघिन की अपनी मां और भाई-बहनों के साथ बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म 'टाइगर स्पाय इन द जंगल' भी काफी लोकप्रिय है.
पन्ना टाइगर रिजर्व में निभाई अहम भूमिका
पन्ना टाइगर रिजर्व में कॉलर वाली बाघिन (t15 tigress cubs in mp) ने अहम भूमिका निभाई है. यहां बाघ शून्य होने के बाद पेंच टाइगर रिजर्व से एक किशोरवय बाघिन को वहां भेजा जाना था. इसके मादा शावक को पन्ना भेजा गया.