सिवनी। ये बच्चे देश का भविष्य कहलाते हैं. यही वो कंधे हैं, जिनके ऊपर देश का भार उठाने की जिम्मेदारी है, लेकिन अफसोस इनके साथ शिक्षा के नाम पर धोखा किया जा रहा है. शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे ये नौनिहाल चमरवाह गांव में रहते हैं. शिक्षा विभाग के एक फैसले से घंसौर ब्लॉक में आने वाले चमरवाह गांव के दर्जनों बच्चों के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है. यहां मौजूद प्राइमरी और हाई दोनों स्कूलों में पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं. हालात ये है कि छात्रों के अब तक एक भी सब्जेक्ट की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है.
दो स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं पहले से ही शिक्षकों की कमी झेल रहे इन स्कूलों में पदस्थ्य दोनों शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया और स्कूल अब शिक्षक विहीन हो गए, लिहाजा ग्रामीणों ने शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने तक स्कूल में ताला जड़ने की चेतावनी दी है.
यह दोनों स्कूल नर्मदा डूब क्षेत्र में आते हैं. बच्चे पहले से ही खतरों वाले रास्ते को पार कर स्कूल पहुंचते थे और अब शिक्षक नहीं होने से छात्रों का स्कूल जाना बेमतलब साबित हो रहा है. जब इस मामले को ईटीवी भारत ने उठाया, तो जनपद शिक्षा केन्द्र प्रभारी ने जल्द चमरवाह के स्कूलों में शिक्षक पदस्थ करने का भरोसा दिया है.
एक कहावत है कि अगर नींव मजबूत नहीं होगी, तो मकान कैसे मजबूत होगा. यानि अगर इन बच्चों को बचपन में ही अच्छी शिक्षा से नहीं सींचा गया, तो आगे की पढ़ाई का अंजाम क्या होगा. इस बात का अंदाजा इन मासूम चेहरों को नहीं है, पर जो ये बात समझते हैं, वह लापरवाही की हदें पार कर चुके हैं. अब जिम्मेदारों को चाहिए कि वह चमरवाह गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था करे. अगर ऐसा नहीं होता है, तो कैसे पढ़ेगा इंडिया, क्योंकि जब पढ़ेगा नहीं तो कैसे बढ़ेगा इंडिया.