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Seoni: पेंच नदी में बाघ का शिकार, पंजे कटा हुआ शव मिलने से मचा हडकंप, MP से छिन न जाए टाइगर स्टेट का दर्जा

टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में बाघों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व की पेंच नदी में बाघ का शव मिलने से वन विभाग में हडकंप मच गया. बाघ के पंजे कटे हुए हैं. बाघ के शव मिलने पर शिकार की संभावना व्यक्त की जा रही है. वन विभागा मामले की जांच में जुटा है.

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Published : Oct 1, 2022, 1:13 PM IST

Updated : Oct 1, 2022, 2:25 PM IST

छिंदवाड़ा/सिवनी। पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन के कोना पिंडरई इलाके के पेंच नदी में एक बाघ का शव मिला है. शनिवार सुबह आठ बजे मछुआरों द्वारा विभाग को सूचना दी गई कि बादल पार और कोना पिंडरई के बीच पेंच नदी में बाघ मृत अवस्था में पड़ा हुआ है. इस सूचना पर पेंच पार्क और वन विभाग की टीम मौके पर रवाना हुई है. प्राथमिक जानकारी के मुताबिक मृत मिले बाघ की उम्र साढ़े तीन साल के आसपास बताई जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि जांच जारी है. बाघ की मौत किन कारणों से हुई है इसका पता लगाया जा रहा है.

शिकार की आशंका:जानकारी के अनुसार, जिले के वन विभाग को पेंच नदी के समीप घाट पर एक बाघ के शव पड़े होने की सूचना मिली थी. सूचना पर छिंदवाडा जिले के चौरई वन परिक्षेत्र एवं सिवनी जिले की पेंच पार्क की टीम व दक्षिण सामान्य वनमंडल की टीम मौके पर पहुंची. अधिकारियों ने देखा कि बाघ के पंजे कटे हुए हैं. अंदेशा लगाया जा रहा है कि बाघ का शिकार किया गया होगा. लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि घटना स्थल पेंच पार्क का बफर क्षेत्र, दक्षिण सामान्य वनमंडल का रूखड क्षेत्र या छिंदवाडा जिले के चौरई वन परिक्षेत्र का क्षेत्र है. फिलहाल इस मामले में वन विभाग जांच में जुटा है.

MP Tiger Deaths Record: मध्य प्रदेश बन रहा बाघों की क्रबगाह, नहीं थम रहा शिकार, छिन न जाए टाइगर स्टेट का दर्जा

एमपी में बाघों की मौत का सिलसिला जारी:मध्यप्रदेश के में बाघों की मौत का सिलसिला जारी है. हाल ही में उमरिया स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन का शव मिला था. मृत बाघिन की लगभग उम्र 10 से 11 साल के बीच थी. वहीं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र की देवखला बीट में गश्ती के दौरान बीट गार्डों को एक मादा बाघ का शव मिला था. पन्ना-कटनी राजमार्ग पर बाघ (Tiger) का शव मिलने से हड़कंप मच गया था. घटना पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला गेट के पास की थी.

3 साल में बांधवगढ़ में 2 दर्जन बाघ मरे:मध्यप्रदेश को बाघ स्टेट का दर्जा दिलाने में 124 बाघों के साथ बांधवगढ़ ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन पिछले तीन सालों में बांधवगढ़ ने अपने दो दर्जन से ज्यादा बाघ खो दिए. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार हो रही बाघों की मौतों से मध्यप्रदेश को मिला बाघ स्टेट का दर्जा खतरे में पड़ सकता है. बांधवगढ़ में 2 साल के अंदर तीन बाघिन और तीन शावकों का शिकार हो गया. शहडोल संभाग के जंगलों में शिकारियों के फंदे में फंस कर 5 साल के अंदर 10 से ज्यादा बाघों की जान चली गई. अकेले उमरिया जिले में खेतों में फैलाए गए करंट की वजह से दो साल में 7 से ज्यादा तेंदुए मौत का शिकार हो गए.

NTCA की रिपोर्ट:NTCA की रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि मध्य प्रदेश में 2012 और 2020 के बीच कुल 202 बाघों के (tigers death in MP) मरने की सूचना है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों में कहा गया है कि राज्य में इस साल जनवरी से दिसंबर के बीच अब तक 38 बाघों की मौत हुई है. मध्य प्रदेश ने 2018 की जनगणना (tiger census 2018) में 526 बाघों का घर (number of tigers in MP india 526) होने के कारण टाइगर स्टेट (Madhya pradesh is tiger state) का टैग हासिल कर लिया था, जो कर्नाटक (tigers in Karnataka) से दो अधिक है.

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Last Updated : Oct 1, 2022, 2:25 PM IST

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