सिवनी। जिले के छपारा तहसील अंतर्गत विगत दिनों संजय सरोवर बांध (भीमगढ़ बांध) से 28 अगस्त को 2 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके कारण भीमगढ़ ग्राम का ब्रिज बह गया और छपारा से भीमगढ़ मार्ग अवरुद्ध हो गया, जिसकी जानकारी लगातार शासन प्रशासन और क्षेत्र के सरपंच को देने के बाद भी आवागमन दुरुस्त नहीं किया गया. जिसके बाद पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत को अपनाते हुए जिले के भीमगढ़ के युवाओं ने खुद ही कच्चा मार्ग को दुरुस्त किया है.
टूटे पुल के निर्माण का युवाओं ने उठाया बीड़ा टूटे पुल की किसी ने नहीं ली सुध
जिले के भीमगढ़ से छपारा मार्ग के अवरुद्ध होने की जानकारी ग्रामीणों ने कई सांसद, विधायक और सरपंच-सचिव को दिया, लेकिन पैसों का हवाला देते हुए किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते सभी को लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. जिसके बाद भीमगढ़ निवासी के युवाओं ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कही हुई बात आत्मनिर्भर भारत को अपनाया और पूरे सहयोग से भीमगढ़ से छपारा मार्ग को दुरुस्त करने में लगे गए. युवाओं ने एक ही दिन में कच्चा मार्ग को बनाकर पूर्ण कर लिया है, इस मार्ग से लगभग 25 गांव जुड़े हुए हैं. आत्मनिर्भर भारत अपनाते हुए श्रम कर रहे युवाओं को अभी तक प्रशासनिक अमले द्वारा किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया गया है.
पुल निर्माण में काम करते ग्रामीण ग्रामीण युवाओं ने खुद बनाया मार्ग
प्रधानमंत्री मोदी का आत्मनिर्भर भारत, युवाओं को बेरोजगारी से बचाने और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए दिया गया सन्देश था, लेकिन शासन प्रशासन पर बैठे नुमाइंदे मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संदेश को कुछ और ही दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. इसे प्रशासन की लाचारी कहें या लापरवाही, भीमगढ़ को जोड़ने वाले पुल को बहे लगभग एक पखवाड़े से भी ज्यादा समय हो चुका है और मुख्यमंत्री जांच की बात कह कर चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं पुल बह जाने के बाद ग्रामीणों को जिन समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है, उसकी सुध लेने न तो विधायक आए और न ही कोई अधिकारी पहुंचे.
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प्रशासन की लाचारी को देखते हुए ग्रामीणों ने खुद रास्ता बनाने की ठान ली, फिर सभी ग्रामीण जुट गए और रोड बना ली. ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ ने ऐसे हालात पैदा कर दिए थे, जिसके बाद भीमगढ़ में आवागमन में समस्याएं उत्पन्न होने लगी और लोग परेशान होने लगे. शासन प्रशासन से किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी गई और मात्र बात को एक दूसरे के ऊपर डालते रहे, ऐसे में भीमगढ़ ग्राम की युवा शक्ति ने साहस और एकता का परिचय देते हुए अपनी व्यवस्था खुद बनाने का निर्णय लिया और अपने मार्ग को स्वयं ही सुगम बनाया.