सिवनी। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने कहा है कि खरीदी केंद्रों में किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी, लेकिन उनके ही कर्मचारियों की लापरवाही के चलते किसानों को परेशान होना पड़ रहा है.
गणेशगंज उपार्जन केंद्र के उपकेंद्र में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है अपने तुले हुए अनाज की रखवाली के लिए उन्हें रातभर खरीदी केंद्रों में काटनी पड़ रही है क्योंकि खरीदी प्रभारी के द्वारा अभी तक उनके बिल वाउचर को ऑनलाइन नहीं चढ़ाया गया है, जबकि गेहूं के तुले हुए हफ्ते बीत चुके हैं.
सिवनी के धनोरा विकासखंड के सकरी ग्राम में स्थित गणेशगंज उपार्जन केंद्र का उपकेंद्र में किसानों का गेहूं खरीदने के बाद उनके बिल नहीं काटे गए, ना ही किसानों का गेहूं खरीदने के बाद समिति प्रबंधक ने अपनी जिम्मेदारी ली है.
जिस वजह से अपनी गेहूं बेचने के बाद करीब 30 किसानों को खरीदी केंद्र में रात दिन रुक कर उस गेहूं की तकवाली करनी पढ़ रही है. बताया जाता है कि 30 किसानों का लगभग 5000 क्विंटल गेहूं खरीदने के बाद अब तक समिति ने उनके बिल वाउचर ऑनलाइन नहीं चढ़ाया है.
ना ही किसानों को खरीदी हुई गेहूं के बारे में लिखित में कुछ दिया है, जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा है. इतना ही नहीं खरीदी केंद्र में किसानों के लिए किसी भी तरह की सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई हैं. खुले आसमान के नीचे उन्हें अपना गेहूं रखना पड़ रहा है.
किसानों का आरोप है कि उनसे हमाली का पैसा भी लिया जा रहा है. सरकार द्वारा खरीदी केंद्र में तय किए गए मानकों को दरकिनार करते हुए हर किसान से हर बोरी पर तीन सौ ग्राम अतिरिक्त गेहूं तौल पर लिया जा रहा है.
जिससे किसान को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. जबकि सरकार के द्वारा किसानों को कई तरह की सुविधाओं देने की बात खरीदी केंद्रों पर कहीं जा रही है. लेकिन जमीनी स्तर पर देखें तो किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
जब खरीदी केंद्र प्रभारी से आरोपों के बारे में बात की गई तो उन्होंने भी ये बात स्वीकार की कि कुछ किसानों से तुलाई का पैसा भी लिया गया है. किसानों के द्वारा एसडीएम को भी शिकायत की गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिससे अब किसानों में आक्रोश पनप रहा है.