सिवनी। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख धीरे-धीरे नजदीक आ रही है. ऐसे में पार्टियों की तैयारियां भी तेज हो गई. ईटीवी भारत आपको एमपी की 230 सीटों की राजनीतिक इतिहास और समीकरण के बारे में बता रहा है. जहां आज हम सिवनी की लखनादौन सीट के बारे में बताएंगे. सिवनी की लखनादौन विधानसभा में पिछले 10 सालों से कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन निर्णायक भूमिका हमेशा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी निभाती है. 2023 के विधानसभा चुनावों में अब एक बार फिर से कांग्रेस में चेहरा बदलने की मांग उठी है.
2008 से अब तक ये रहे यहां के समीकरण: लखनादौन विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,88,029मतदाता हैं, जिसमें पुरुष 1,46,926तो वहीं 1,41,100 महिला मतदाता हैं. जबकि 3 अन्य हैं. साल 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस को लगातार जीत मिल रही है. 2008 के चुनाव में गोंडवाना की सक्रियता के चलते भाजपा ने यहां से जीत हासिल की थी. साल 2018 के चुनाव में लखनादौन विधानसभा से कांग्रेस ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रह चुकी और हिमाचल प्रदेश की पूर्व राज्यपाल उर्मिला सिंह के बेटे योगेंद्र सिंह बाबा को मैदान में उतारा था. इन्हें यहां पर 82951 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी ने विजय कुमार ऊइके को टिकट दिया जिन्हें 70675 वोट मिले थे. इस प्रकार कांग्रेस यहां पर 12276 वोटों से जीती थी. साल 2013 के नतीजे में भी यहां पर कांग्रेस के योगेंद्र सिंह बाबा को 77928 वोट मिले थे तो वही बीजेपी की शशि ठाकुर को 65147 वोट मिले कांग्रेस यहां पर 12781 वोटों से चुनाव जीती थी.
एक लाख से ज्यादा है आदिवासी मतदाता: अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लखनादौन विधानसभा में अगर जातिगत मतदाताओं के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजनीतिक दलों के हिसाब से यहां पर करीब एक लाख गोंड समाज के मतदाता हैं, तो वही 21 हजार तेली, 18 हजार लोधी, 17 हजार कलार, 14 हजार यादव, 18 हजार प्रधान और करीब 10 हजार राजपूत मतदाता हैं. 2003 के विधानसभा चुनाव में लखनादौन विधानसभा का मुख्य इलाका घंसौर अलग विधानसभा हुआ करता था. घंसौर विधानसभा से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के रामगुलाम ऊइके चुनाव जीते थे. परिसीमन के बाद घंसौर विधानसभा सीट को केवलारी और लखनादौन में समाहित कर दिया गया, लेकिन घंसौर क्षेत्र का बड़ा इलाका आज भी लखनादौन विधानसभा में है. जिसकी वजह से यहां पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का काफी प्रभाव है.